Budget 2023: आसानी से समझ पाएंगे बजट
Khari Khari, News Desk: Union Budget 2023: संसद में आम बजट 2023 (Budget-2023) पेश होने वाला है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) सुबह 11 बजे वित्त वर्ष 2023-24 के लिए देश का वित्तीय लेखा-जोखा सबके सामने रखेंगी। निर्मला सीतारमण के नाम पर सबसे लंबे बजट भाषण का रिकॉर्ड है और ये दिलचस्प रहेगा कि इस बार की उनकी स्पीच (Budget Speach) कितनी लंबी होती है। आम जनता की नजरें बजट पर टिकी होती हैं और लोग इसे बड़ी गंभीरता से सुनते हैं बजट भाषण में कई ऐसे शब्द होते हैं जिनका मतलब लोगों को मालूम नहीं होता। आइए जानते है कुछ ऐसे ही शब्दों के बारे में -
बड़ी घोषणाओं की उम्मीद
नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Govt) का आगामी 2024 आम चुनाव से आखिरी पूर्ण बजट है। सरकार देश की इकोनॉमी को रफ्तार देने के लिए बड़ी घोषणाएं भी कर सकती है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण का ये पांचवां बजट होगा। Finance Minister द्वारा जब संसद में बजट भाषण दिया जाता है, तो उसमें कई खास शब्द, जैसे वित्त वर्ष (Financial Year), वित्तीय घाटा (Trade Deficit), विनिवेश (Disinvestment) और ब्लू शीट (Blue Sheet) सुनने को मिलते हैं जिसके बारे में ज्यादातर लोगों को मालूम नहीं होता।
Financial Year
हमारे लिए नए साल की शुरुआत एक जनवरी से होती है और 31 दिसंबर को साल का अंत हो जाता है। वहीं सरकार वित्त वर्ष के आधार पर काम करती है। वित्त वर्ष की शुरुआत 1 अप्रैल से होकर अगले साल 31 मार्च तक चलता है।
Fiscal-Revenue Deficit
Fiscal Deficit का उपयोग भाषण में तब किया जाता है जब सरकार की कमाई खर्च से कम हुई हो। राजस्व घाटा यानी Revenue Deficit का मतलब होता है कि सरकार की कमाई तय लक्ष्य के अनुसार नहीं हुई। Trade Deficit का मतलब व्यापार घाटा होता है।
Disinvestment
Disinvestment का जिक्र आपने कई बार सुना होगा। जब सरकार सरकारी कंपनियों की हिस्सेदारी को बेचती है तो इस शब्द का प्रयोग किया जाता है। वित्त वर्ष में सरकार ने जो कमाया और खर्च किया उसे बजट एस्टिमेट (Budget Estimates) कहा जाता है।
Blue Sheet
बजट से जुड़े जरूरी दस्तावेजों और जरूरी आंकड़ों की एक नीले रंग की सीक्रेट शीट होती है। इसे Blue Sheet कहा जाता है। इस डॉक्यूमेंट को बजट प्रक्रिया का बैकबोन भी कहा जाता है। डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) वो होता है जो सरकार आपसे वसूल करती है।
Zero Budget
जीरो बजट में बीते वित्त वर्ष के खर्चे और बाकी बैलेंस को कैरी फॉरवर्ड नहीं किया जाता। अगर सरकार ने सांसदों को करोड़ों रुपये की राशि आवंटित की है और इसका महज कुछ हिस्सा ही खर्च हुआ है तो बचे हुए पैसे दोबारा से आवंटित नहीं किए जाते। जिसे Zero Budget भी कहते हैं।
Finance-Appropriation Bill
सरकार फाइनेंस बिल के जरिए अपनी कमाई का ब्योरा पेश करती है जबकि एप्रोप्रिएशन बिल इसी के सामने रखा जाता है।सरकार इसमें अपने खर्चों की जानकारी सदन में रखती है। एक और जरूरी शब्द है रेवेन्यू एक्सपेंडिचर (Revenue Expenditure)सरकार को विभिन्न परियोजनाओं और कर्मचारियों की सैलरी या जितने भी खर्च की जरूरत होती है उसे रेवेन्यू एक्सपेंडिचर कहते हैं।
Direct-Indirect Tax
बजट के बाद जिस बात का जनता को सबसे ज्यादा इंतजार होता है वो है टैक्स (Tax) आम आदमी से प्रत्यक्ष रुप से लिया जाने वाला कर डायरेक्ट टैक्स (Direct Tax) कहलाता है। वो टैक्स जो जनता से एस्साइज डयूटी या कस्टम डयूटी के जरिए लिया जाता है उसे इनडायरेक्ट टैक्स (Indirect Tax) कहा जाता है। देश के करदाताओं की वो कमाई जिस पर कोई टैक्स नहीं लगता उसे एक्सेम्पशन यानि छूट (Exomption) कहा जाता है।
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