Delhi High Court : दिल्ली HC से मनीष सिसोदिया को बड़ा झटका, कोर्ट ने CBI मामले में मनीष सिसोदिया की जमानत याचिका की खारिज

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Delhi High Court : दिल्ली शराब घोटाले के मामले में जेल में बंद आम आदमी पार्टी के नेता मनीष सिसोदिया की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं लें रही है। दिल्ली हाई कोर्ट ने मंगलवार को शराब नीति के भ्रष्टाचार से संबंधित CBI के एक मामले में जमानत याचिका खारिज कर दी। जानकारी के मुताबिक, जस्टिस दिनेश कुमार शर्मा की खंडपीठ ने सिसोदिया को जमानत देने से इनकार करते हुए कहा कि आवेदक (सिसोदिया) के शक्तिशाली व्यक्ति होने के कारण उनके गवाहों को प्रभावित करने की संभावना है।
जानकारी के मुताबिक, हाईकोर्ट के फैसले के खिलाफ अब सिसोदिया सुप्रीम कोर्ट में अपील करेंगे। हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान जस्टिस दिनेश शर्मा ने कहा- सिसोदिया पर आरोप है कि दिल्ली की शराब नीति साउथ ग्रुप के इशारे पर उन्हें अनुचित लाभ देने के इरादे से बनाई गई थी। ये बेहद गंभीर मामला है। कोर्ट ने कहा कि सिसोदिया एक प्रभावशाली व्यक्ति हैं और जमानत पर रिहा होने पर गवाहों को प्रभावित किए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता है।
CBI ने मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका का विरोध किया था और कहा था, "आवेदक (सिसोदिया) का कार्यपालिका, कार्यालयों और नौकरशाहों के साथ घनिष्ठ संबंध है और उनका प्रभाव और दबदबा स्पष्ट है। उच्च रैंक वाले उनके पार्टी के सहयोगी बनाना जारी रखते हैं। जांच को प्रभावित करने के लिए तथ्यात्मक रूप से गलत दावे और आवेदक को राजनीतिक प्रतिशोध का शिकार होने का दावा करना। अपने जवाब में CBI ने जमानत याचिका का विरोध करते हुए कहा, इस राजनीतिक नेता के अवलोकन से पता चलता है कि कैसे न केवल आवेदक बल्कि उनकी पार्टी के सहयोगियों के पूरे प्रयास अभियुक्तों को बचाने के लिए हैं। आवेदक की जमानत पर रिहाई गंभीर रूप से जांच को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करेगी।
सिसोदिया को छोड़कर CBI मामले के सभी आरोपियों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। मामले में FIR दर्ज होने के 6 महीने से अधिक समय बाद 26 फरवरी, 2023 को सिसोदिया को गिरफ्तार किया गया था और आवेदक की गिरफ्तारी से पहले 6 महीने की उक्त जांच की संपूर्णता के दौरान, ऐसा एक भी नहीं था कि आवेदक ने किसी गवाह को कोई धमकी दी हो। सिसोदिया ने अपनी जमानत में कहा कि एप्लिकेंट की कोई सामग्री या पूर्ववृत्त होने के बिना गवाह को खतरे की संभावना उत्पन्न नहीं कहा जा सकता है। इससे पहले दिल्ली उच्च न्यायालय ने आबकारी से जुड़े CBI मामले में मनीष सिसोदिया द्वारा दायर जमानत याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया था, जिसमें ट्रायल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी गई थी।
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