Puja Path Niyam : पूजापाठ से जुड़े इन नियमों का रखें ध्यान, मनोकामनाएं होंगी पूरी और मिलेगा लाभ
Puja Path Niyam : सनातन हिन्दू धर्म में पूजापाठ सबसे जरूरी क्रिया है। ऐसे में हिंदू धर्म के लोगों की दैनिक दिनचर्या पूजापाठ (Puja Path) के बिना शुरू नहीं होती है। हम सभी स्नान के लिए स्नान के बाद भगवान के सामने सिर झुकाना अनिवार्य माना गया है। इसके अलावा हिंदू पंचांग में हर महीने कुछ ऐसी विशिष्ट तिथियां मानी जाती हैं जिन पर पूजापाठ करना जरूरी माना गया है। वैसे तो उपासना करना भाव पूर्ण कार्य है, जिसका अर्थ है कि आप शुद्ध हृदय से उपासना करे। लेकिन, आजकल सभी की जिंदगी इतनी ज्यादा व्यस्त हो गई है कि ऐसा भाव बन नहीं पाता है। फिर भी पूजापाठ करना जितना जरूरी माना गया है उतना ही जरूरी है पूजापाठ के नियमों का पालन करना। आज हम पूजा से जुड़े ऐसे ही नियमों के (Puja Path Niyam) बारे में बताएंगे जो आपके लिए ध्यान में रखना बहुत जरूरी है।
आसन है जरुरी (Puja Path Niyam)
किसी भी देवी-देवता या भगवान का पूजन करने से पहले स्नान किया जाता है. स्नान के पश्चात शांत मन से भगवान के सामने आसन पर बैठा जाता है. कुछ लोग पूजा करते समय जमीन पर ही बैठ जाते हैं. पूजा करते समय कभी भी जमीन पर नहीं बैठना चाहिए. जिस तरह से आपने भगवान को बैठने के लिए आसन दिया, ठीक उसी प्रकार स्वयं भी आसन पर ही बैठें. शास्त्रों में कंबल और कुश के आसन को पूजा के लिए शुद्ध माना गया है.
जप करते हुए रखें इन बातों का ध्यान (Puja Path Niyam)
पूजा पाठ में जप करते समय जीभ या होंठ को नहीं हिलाना चाहिए। इसे उपांशु जप कहते हैं। इसका फल सौगुना प्राप्त होता है। माला जप करते समय दाएं हाथ को कपड़े या गौमुखी से ढककर रखना चाहिए। जप के बाद आसन के नीचे की भूमि को स्पर्श कर नेत्रों से लगाना चाहिए। इससे आपको जप के पूर्ण फल की प्राप्ति होती है।
सर्वप्रथम करें गणेश की आराधना (Puja Path Niyam)
आप चाहें किसी भी देवी-देवता का पूजन कर रहे हों, लेकिन सर्वप्रथम हमेशा भगवान गणेश को ही प्रणाम किया जाता है। किसी भी हवन या शुभ कार्य की शुरुआत भी भगवान गणेश को प्रणाम करके ही की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि भगवान गणेश को प्रणाम किए बिना पूजा करने से उसके फल की प्राप्ति नहीं होती है।
पूजा में दीपक के नियम (Puja Path Niyam)
कुछ लोग पूजा करते समय सिर्फ धूप जलाते हैं, लेकिन ये गलत है। किसी भी देवी-देवता की पूजा करने से पहले दीपक जलाना अनिवार्य माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि दीपक हमारे द्वारा चढ़ाए गए प्रसाद, धूप और अन्य कार्यों का साक्षी होता है। अगर आप पूजा करने से पहले दीपक नहीं जलाते हैं तो भगवान तक आपकी प्रार्थना नहीं पहुंचती हैं। दीपक से दीपक नहीं जलाना चाहिए।
धूप का करें इस्तेमाल (Puja Path Niyam)
आजकल ज्यादातर घरों में अगरबत्ती का इस्तेमाल किया जाता है। परन्तु कभी भी पूजा करते वक्त अगरबत्ती का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। अगरबत्ती में बांस की डंडी का इस्तेमाल किया जाता है। हिंदू शास्त्रों में पूजा में बांस का इस्तेमाल वर्जित माना गया है, इसलिए हमेशा पूजा में धूप का इस्तेमाल करना चाहिए।
भगवान को अर्पित करें ये फूल (Puja Path Niyam)
पूजा पाठ के दौरान शंकर जी को बिल्वपत्र, विष्णुजी को तुलसी, गणेश जी को दूर्वा, लक्ष्मीजी को कमल प्रिय है। शंकरजी को शिवरात्रि के अलावा किसी दिन कुमकुम नहीं चढ़ती। वही शिवजी को कुंद, विष्णुजी को धतूरा, देवीजी को आक तथा मदार और सूर्य भगवान को तगर के फूल नहीं चढ़ाए जाते।
शंख बजाएं (Puja Path Niyam)
पूजा करने के बाद शंख या घंटी को बजाना महत्वपूर्ण माना जाता है। ऐसी मान्यता है कि शंख बजाने से मन और घर स्वच्छ होते हैं। पूजा के आखिर में शंख बजाने से घर की नकारात्मक ऊर्जा बाहर जाती है।
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