Vastu Tips For Study Room : वास्तु के अनुसार ऐसा हो बच्चों का स्टडी रूम, करियर में मिलेगी सफलता

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Vastu Tips

Vastu Tips For Study Room : आज के बदलते परिवेश में सिर्फ साक्षर होना ही काफी नहीं है, बल्कि सबसे अधिक महत्वपूर्ण रोजगारपरक शिक्षा पाना है, जो व्यक्ति को आत्मनिर्भर बना सके। लेकिन कई बार कई युवा शैक्षिक प्रतियोगिताओं में सफलता पाने में चंद कदम ही दूर रह जाते हैं। परिणामस्वरूप वे हताशा, निराशा, उत्तेजना, मनोविकार आदि अनेक नकारात्मक विचारों में डूबने लगते हैं। धैर्य व सूझबूझ के साथ यदि प्रत्येक अभिभावक व विद्यार्थी अध्ययन कक्ष में कुछ बारीकियों के साथ वास्तु नियमों का प्रयोग करें तो वे शिक्षा के क्षेत्र में सफलता अर्जित कर सकते हैं।

इस दिशा में हो अध्ययन कक्ष

अध्ययन कक्ष पूजा कक्ष के पास होना चाहिए। दरवाजे की स्थिति उत्तर-पूर्व या पश्चिम में रखें। किंतु दक्षिण-पूर्व, दक्षिण-पश्चिम या उत्तर-पश्चिम में न रखें इससे भ्रम उत्पन्न होते हैं। मूलत: पूर्व, ईशान व उत्तर दिशाएं ज्ञान की मानी जाती हैं जिनके स्वामी क्रमश: इंद्र, शंकर व कुबेर समझे जाते हैं। इन्हीं से तेज, ज्ञान व धन की प्राप्ति संभव है। अत: स्टडी रूम उत्तर पश्चिम या पश्चिम दिशा में ही बनाएं।

करें चौकोर टेबल का प्रयोग

यहां चौकोर टेबल का प्रयोग करना चाहिए,जो चारों पावों में समानता रखती हो। टेबल को दक्षिण-पश्चिम या दरवाजे के सामने न लगाएं। इससे बुद्धि का पतन होता है। टेबल को दरवाजे या दीवार से न सटाएं क्योंकि इससे विषय याद नहीं रहता है। लाइट के नीचे या उसकी छाया में टेबल सेट न करें, इससे अध्ययन प्रभावित होगा।

नहीं होगी एकाग्रता भंग

उत्तर-पूर्व या पूर्व वाले कमरे में अध्ययन कक्ष की व्यवस्था करें। यह शुभ, प्रेरणाप्रद रहेगा। दक्षिण व दक्षिण-पूर्व दिशा वाले कमरे में अध्ययन कक्ष की व्यवस्था से बचें, यह अशुभ व तनावयुक्त स्थिति दे सकता है। कोशिश करें कि नार्थ-वेस्ट में बैठकर अध्ययन न करें। इससे पढ़ाई में मन नहीं लगेगा, एकाग्रता भंग होगी।  

यह चित्र लगाएं 

उत्तर-पूर्व में मां सरस्वती, गणेश की प्रतिमा और हरे रंग की चित्राकृतियां लगाएं। अध्ययन कक्ष में शांति और सकारात्मक वातावरण होना चाहिए। शोरगुल आदि न हो। अगर मन उचटता हो, तो बगुले का चित्र लगाना चाहिए, जो ध्यान की चेष्टा में हो। लक्ष्य प्राप्ति के लिए एकलव्य,अर्जुन की चित्राकृतियां लगानी चाहिए। टेबल पर सफेद रंग की चादर बिछाएं। विद्या की देवी मां सरस्वती को प्रणाम कर अध्ययन शुरू करें।

होगा ऊर्जा का संचार

स्मरण व निर्णय शक्ति हेतु दक्षिण में टेबल सेट कर उत्तर या पूर्व की ओर मुंह करके अध्ययन करना चाहिए। उत्तर-पूर्व विद्यार्थी को योग्य बनाने में सहायक होती है। अध्ययन कक्ष के मध्य भाग को साफ व खाली रखना चाहिए। जिससे ऊर्जा का संचार होता रहेगा।

अगर हॉस्टल में रहते हैं

जो परीक्षार्थी घर से बाहर या हॉस्टल आदि में रहते हैं, जिनके लिए यह संभव नहीं हो वह पूर्व दिशा की ओर मां सरस्वती या नृत्य करते व लिखते हुए गणेश जी का चित्र स्थापित करें। उन्हें अध्ययन के पहले और बाद में प्रणाम करें तो उनका भी एनर्जी लेवल बढ़ जाता है। इस प्रकार की अनुकूल वास्तु उपायों से अवश्य ही परीक्षार्थियों को सफल होने में सहायता प्राप्त होता है।

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