Dattatreya Jayanti 2022: कल है Dattatreya Jayanti, जानिए भगवान दत्तात्रेय के मंदिरों के बारे में, जहाँ हर इच्छा होती है पूरी
khari khari News Desk, (Prachi Gautam):
Dattatreya Jayanti 2022 : धर्म ग्रंथों के अनुसार, प्रत्येक वर्ष मार्गशीर्ष यानी अगहन माह में शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि को भगवान दत्तात्रेय की जयंती मनाई जाती है। इस साल दत्तात्रेय जयंती 7 दिसंबर 2022 (Dattatreya Jayanti 2022) बुधवार मनाई जाएगी। भगवान दत्तात्रेय को तीनों देवों का अवतार माना जाता है। कहा जाता है कि ब्रह्मा, विष्णु, महेश तीनों देवों की शक्तियां भगवान दत्तात्रेय में समाहित हैं। उनकी छः भुजाएं और तीन मुख हैं। इनके पिता ऋषि अत्रि और माता अनुसूया हैं। मान्यता है कि दत्तात्रेय भक्तों के स्मरण करने मात्र से उनकी सहायता के लिए उपस्थित होते हैं। भगवान दत्तात्रेय की जयंती पर मंदिरों में विशेष रूप से पूजा-अर्चना की जाती है। दत्तात्रेय जयंती (7 दिसंबर, बुधवार) के मौके पर हम आपको कुछ ऐसे ही प्राचीन मंदिरों के बारे में बता रहे हैं…
गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर (Dattatreya Temple of Gujarat)
गुजरात के तिलकवाड़ा क्षेत्र में स्थित भगवान दत्त मंदिर काफी प्रसिद्ध है। इसे गरुड़ेश्वर दत्त मंदिर कहा जाता है। ये मंदिर नर्मदा तट पर स्थित है। मान्यता है कि भगवान दत्त स्वयं रोज यहां नर्मदा नदी में स्नान करने आते हैं। ऐसा भी कहा जाता है कि अगर कोई व्यक्ति यहां लगातार 7 हफ्ते तक गुड़ और मूंगफली का प्रसाद चढ़ाए तो उसकी हर परेशानी दूर हो सकती है।
इंदौर में है 700 साल पुराना मंदिर (Dattatreya Temple of Indore)
भगवान दत्तात्रेय का प्राचीन मंदिर इंदौर के कृष्णपुरा की ऐतिहासिक छत्रियों के पास स्थित है। मान्यता है कि ये मंदिर लगभग 700 साल पुराना है। जगद्गुरु शंकराचार्य सहित कई साधु-संत इसी मंदिर के परिसर में रुका करते थे। आगरा से औरंगजेब को चकमा देकर छत्रपति शिवाजी और उसके पुत्र कुछ समय तक संन्यासी वेष में इस मंदिर में रहे। सरस्वती और चंद्रभागा नदियों के संगम पर श्री दत्तात्रेय भगवान के मंदिर का वर्णन मराठाशाही बखर (मोड़ी भाषा) में मिलता है।
काशी का दत्तात्रेय मंदिर (Dattatreya Temple of Kashi)
काशी को भगवान शिव की नगरी कहा जाता है। काशी में कई प्रसिद्ध मंदिर हैं, इन्हीं में से एक है ब्रह्माघाट पर बना भगवान दत्तात्रेय का प्राचीन मंदिर। इस मंदिर से कई मान्यताएं जुड़ी हुई हैं। यहां भगवान दत्तात्रेय के दर्शन मात्र से कई बीमारियों का इलाज हो जाता है, ऐसा कहा जाता है। ये मंदिर दो सौ साल से भी ज्यादा पुराना है। उत्तर भारत में भगवान दत्तात्रेय का ये एकमात्र मंदिर है।
रायपुर का दत्तात्रेय मंदिर (Dattatreya Temple of Raipur)
छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में ब्रह्मपुरी स्थित श्री दत्तात्रेय भगवान का मंदिर भी काफी प्रसिद्ध है। मान्यता है कि यहां आकर जो भी भक्त भगवान दत्तात्रेय के सामने अपने मन की इच्छा बोलता है, उसकी हर कामना पूरी हो जाती है। यही कारण है कि प्रतिदिन यहां हजारों लोग भगवान दत्तात्रेय के दर्शनों के लिए आते हैं। यहां कई प्रमुख आयोजन भी समय-समय पर किए जाते हैं।
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