Manipur Violence Case : मणिपुर हिंसा मामला में पुलिस कार्रवाई पर भड़के CJI कहा- राज्य में कानून मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त, सुप्रीम कोर्ट ने DGP को भेजा नोटिस
Khari Khari News :
Manipur Violence Case : मणिपुर हिंसा के मामले को लेकर आज सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई। सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान CJI ने कड़ी टिप्पणी की हैं। जांच की धीमी गति पर गंभीर चिंता व्यक्त की उन्होंने कहा कि ऐसा लगता है, राज्य में कानून मशीनरी पूरी तरह से ध्वस्त हो गई है। जांच में कमी के कारण काफी समय बीत जाने के बावजूद कोई गिरफ्तारी नहीं हुई है। उन्होंने कहा, कि राज्य की कानून-व्यवस्था और मशीनरी पूरी तरह से चरमरा गई है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने राज्य सरकार से घटना की तारीख, शून्य FIR दर्ज करने की तारीख, गवाह के बयान दर्ज करने की तारीख, तारीख बताने के लिए एक बयान तैयार करने को कहा। उन्होंने कहा, जांच बहुत सुस्त है। कोई गिरफ्तारी नहीं हुई। इतना समय बीतने के बाद बयान दर्ज किए जा रहे हैं। इससे यह आभास होता है कि कोई कानून नहीं था और संवैधानिक तंत्र ख़राब हो गया था। शायद यह सही है कि गिरफ्तारी नहीं हो सकी क्योंकि पुलिस इलाके में प्रवेश नहीं कर सकी... लेकिन फिर भी कानून-व्यवस्था पूरी तरह से खराब हो गई थी। सुप्रीम कोर्ट ने जनरल से यह भी निर्देश लेने को कहा कि जांच कौन करेगा।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा, हम ऐसी स्थिति में नहीं हैं जहां राज्य पुलिस जांच करे। इसलिए हमें एक तंत्र की आवश्यकता होगी। हम इस तथ्य को लेकर स्पष्ट हैं कि 6,500 FIR की जांच का जिम्मा CBI को सौंपना असंभव है। वहीं, राज्य पुलिस को इसकी जांच नहीं सौंपी जा सकती है। सुप्रीम कोर्ट ने दर्ज किया कि मणिपुर की ओर से जो रिपोर्ट दाखिल की गई है, उसमें कहा गया है कि 25 जुलाई 2023 तक 6496 FIR दर्ज की गई हैं।
SC ने कहा कि स्थिति रिपोर्ट में कहा गया है कि आधिकारिक रिपोर्ट के अनुसार, 150 मौतें हुईं, 502 घायल हुए, आगजनी के 5,101 मामले और 6,523 FIR दर्ज की गईं। 252 लोगों को FIR में गिरफ्तार किया गया और 1,247 लोगों को निवारक उपायों के लिए गिरफ्तार किया गया। कोर्ट ने मामले की अगली सुनवाई सोमवार 7 अगस्त को होगी ।
CJI ने मणिपुर के DGP को समन भेजा है और जातीय हिंसा से जुड़ी कई याचिकाओं पर अगली सुनवाई 7 अगस्त को पेश होने का आदेश दिया है। न्यायालय ने साथ ही मणिपुर में महिलाओं को निर्वस्त्र घुमाए जाने की घटना और इससे जुड़ी जीरो FIR, नियमित FIR दर्ज किए जाने की तारीखों का विवरण मांगा है । DGP को व्यक्तिगत रूप से पेश होकर सवालों के जवाब देने को कहा। मणिपुर 3 मई से शुरू हुई जातीय हिंसा से जूझ रहा है। इस हिंसा में अब तक 160 लोगों की मौत हो चुकी है और हजारों लोग विस्थापित हुए हैं।
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