Farmers Protest : किसानों का धरना लगातार जारी, आज अंबाला की अनाज मंडी में बैठे प्रदर्शनकारी, गांव में नेताओं की एंट्री पर लगाया बैन
Khari Khari News :
Farmers Protest : बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर किसानों का धरना लगातार जारी हैं। पुलिस ने हरियाणा के लगभग उन 100 किसानों रिहा कर दिया गया है जिन्हें बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर प्रदर्शन के लिए चंडीगढ़ की ओर जाते समय एक दिन पहले हिरासत में लिया गया था। इस बीच, अब हरियाणा और पंजाब के कुछ किसान अपनी मांगों को लेकर अंबाला शहर की अनाज मंडी में धरना जारी दे रहें हैं। चुनाव से पहले हरियाणा में BJP-JJP की गठबंधन सरकार के खिलाफ किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है।
चंडीगढ़ में सरकार-किसानों की मीटिंग
बाढ़ से हुए फसलों के नुकसान के मुआवजे को लेकर अंबाला में किसानों ने धरने का ऐलान किया था। जानकारी के अनुसार, चंडीगढ़ जाने से पहले किसानों को हिरासत में लिए जाने से खफा किसानों ने BJP-JJP नेताओं की गांवों में एंट्री पर बैन करने का ऐलान किया है। किसानों का कहना है कि अगर सरकार के साथ वार्ता सफल नहीं हुई तो 25 अगस्त को एक और बड़ा ऐलान किया जा सकता है।
बाढ़ से हुए नुकसान के मुआवजे की मांग को लेकर किसान आज सुबह से अंबाला सिटी अनाज मंडी में धरने पर बैठे हैं। कहा जा रहा हैं कि सरकार ने आज किसानों को बातचीत के लिए चंडीगढ़ बुलाया है। जानकारी के मुताबिक, चंडीगढ़ लघु सचिवालय में होने वाली इस मीटिंग में 5 किसान नेताओं का शिष्टमंडल जाएगा, लेकिन किसानों के साथ मीटिंग में सरकार की ओर से कौन उपस्थित होगा, अभी यह पक्का नहीं हुआ है। उनका कहना हैं कि, उन्हें सिर्फ मीटिंग का निमंत्रण दिया गया है, यह नहीं बताया गया कि किसके साथ उनकी मीटिंग होगी।
किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर
उन्होंने कहा, किसान नेताओं की चंडीगढ़ में हरियाणा सरकार के साथ होने वाली बैठक में मांगों को रखा जाएगा। इनमें पंजाब, राजस्थान के किसानों को रिहा करने, पंजाब में जिस किसान की मृत्यु हुई है, उसे मुआवजा व शहर में जिस युवा किसान की टांग कटी है, उसके उपचार का खर्च व मुआवजा शामिल है। किसानों के शिष्टमंडल में भारतीय किसान यूनियन शहीद भगत सिंह के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरजीत सिंह मोहड़ी, करनाल से जगजीत सिंह औलख, किसान-मजदूर संघ के राज्य अध्यक्ष सुरेश कौथ, पगड़ी संभाल जट्टा किसान संघर्ष समिति के प्रदेश अध्यक्ष मनदीप नथवान और सुखविंदर सिंह औलख पेहवा शामिल होंगे। किसान नेताओं का कहना है कि अगर उनकी मांगों पर सरकार ने संज्ञान नहीं लिया तो किसान आर-पार की लड़ाई लड़ने को मजबूर होंगे।
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