Chhattisgarh Politics : बगावत के डर से कांग्रेस ने छत्तीसगढ़ में चली नई चाल, टीएस सिंह देव को डिप्टी सीएम बनाकर शांत करने का किया प्रयास
Khari Khari News :
Chhattisgarh Politics : छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव से करीब 5 महीने पहले कांग्रेस ने बड़ा फैसला लिया है। राज्य के सीनियर लीडर और हेल्थ मिनिस्टर टीएस सिंहदेव को उपमुख्यमंत्री बनाया गया है। छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव प्रदेश के पहले डिप्टी सीएम होंगे। यह कदम राज्य चुनावों से ठीक पहले उठाया गया है क्योंकि पार्टी कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के लिए तैयारी कर रही है। इसकी घोषणा बुधवार को दिल्ली में कांग्रेस हाई कमान की बैठक के बाद की गई। वहीं इसके बाद छत्तीसगढ़ में सियासत तेज हो गई है। बीजेपी (BJP) ने इसे टीएस सिंहदेव का अपमान बताते हुए सिंहदेव को बधाई दी है।
हैं तैयार हम.
— Bhupesh Baghel (@bhupeshbaghel) June 28, 2023
महाराज साहब को उपमुख्यमंत्री के रूप में दायित्व के लिए बधाई एवं शुभकामनाएँ. @TS_SinghDeo pic.twitter.com/1sRZqsEU2W
जानकारी के मुताबिक, ढाई-ढाई साल के फॉर्मूले को लेकर टीएस सिंहदेव ने खुलकर बात की थी। उन्होंने कहा था- मुझे उम्मीद थी कि ढाई साल पूरा होने पर सीएम बनाया जाएगा, लेकिन ऐसा हुआ नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि इस बार मेरा चुनाव लड़ने का मन नहीं है। उन्होंने कहा था- अब तक जितने चुनाव हुए हैं, चाहे वो 2008 का रहा हो, 2013 या 2018 का, हर बार चुनाव में पूरे मन से खड़ा होता था। हमेशा मन में रहता था कि हां चुनाव लड़ना है, लेकिन इस बार सही में चुनाव लड़ने का उस तरह से मन नहीं है, जैसा कि पहले रहता था।
टीएस सिंहदेव छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री बनना चाहते थे। ऐसा दावा किया जाता है कि सरकार गठन के वक्त ये तय हुआ था कि पहले ढाई साल बघेल और फिर ढाई साल सिंहदेव सीएम होंगे। लेकिन, ऐसा हुआ नहीं। इससे नाराज सिंह देव ने 16 अगस्त 2022 को पंचायत एवं ग्रामीण मंत्रालय छोड़ दिया था। उन्होंने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को चार पन्नों का लंबा पत्र लिखकर मंत्रालय छोड़ा था। मंत्रालय छोड़ने का कारण उन्होंने इसका प्रदेश के आवासविहीन लोगों को आवास नहीं मिलना और जनघोषणा पत्र में किए गए वादों का पूरा नहीं होना बताया था। वे स्वास्थ्य और वाणिज्यिकर मंत्री बने रहे।
जानकारी के मुताबिक, सिंह देव वर्तमान मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के साथ बारी-बारी से मुख्यमंत्री पद से वंचित किए जाने से नाराज थे, सूत्रों का कहना है कि जब कांग्रेस ने 2018 में राज्य चुनाव जीता तो टॉप नेतृत्व के साथ एक समझौता हुआ था। नवीनतम कदम के साथ, सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत और उनके पूर्व डिप्टी सचिन पायलट के बीच मतभेदों को दूर करने के लिए भी कदम उठा सकती है।कांग्रेस इस साल के अंत में छत्तीसगढ़ और राजस्थान दोनों में अपनी सरकारों का बचाव करेगी।
2018 के विधानसभा चुनाव में छत्तीसगढ़ में कांग्रेस ऐतिहासिक 68 सीटें जीतकर सरकार बनाने जा रही थी तब मुख्यमंत्री पद के दो प्रबल दावेदार भूपेश बघेल एवं टी.एस. सिंहदेव थे। उस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के रूप में भूपेश बघेल मजबूत तो थे ही विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष एवं चुनावी घोषणा पत्र समिति के संयोजक के रूप में सिंहदेव का कद भी काफी बड़ा हो चुका था।
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