Chandrayaan 3 Landing : अब कुछ ही देर में शुरू होगा बेहद जोखिम भरा सफर! चंद्रयान- 3 की लैंडिंग, आज चंद्रमा पर भारत का ऐतिहासिक कदम, जानें लेटेस्ट अपडेट
Khari Khari News :
Chandrayaan 3 Landing : चांद पर चंद्रयान-3 की लैंडिंग में करीब एक घंटे से भी कम समय बाकी है। आज 40 दिनों की लंबी यात्रा के बाद चंद्रयान-3 का लैंडर चंद्रमा की सतह पर इतिहास बनाने को तैयार है। ये लंबी यात्रा अब अपने अंतिम पड़ाव पर है, जिसकी सबसे अहम प्रक्रिया लैंडिंग की है जो बहुत नाज़ुक हैं। ISRO ने कहा, भारत के मून मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर आज शाम को 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा पर लैंड करेग। ISRO का कहना है कि वो सभी सिस्टम को समय-समय पर चेक कर रहा है। देश के लिए खुशी कि बात यह कि चंद्रयान-3 के सभी सिस्टम सही तरह से काम कर रहे हैं।
आज ऐतिहासिक चंद्रमा लैंडिंग से कुछ घंटे पहले, इसरो ने एक अपडेट साझा करते हुए कहा कि स्पेस एजेंसी ऑटोमैटिक लैंडिंग शुरू करने के लिए पूरी तरह तैयार है। भारत का महत्वाकांक्षी तीसरा चंद्रमा मिशन चंद्रयान-3 का लैंडर मॉड्यूल (LM) आज बुधवार शाम 6 बजकर 4 मिनट पर चंद्रमा की सतह पर उतरने के लिए पूरी तरह तैयार है। ISRO ने ट्वीट किया कि वह निर्धारित पॉइंट पर लैंडर मॉड्यूल के पहुंचने का इंतजार कर रहा है, जो भारतीय समयानुसार शाम 5.44 बजे के आसपास होने वाला है।
इस मिशन को सफल बनाने के लिए ISRO भी बहुत सोच समझ कर कदम रख रहा है। यही वजह है कि चंद्रयान की लैंडिंग के लिए इसरो ने एक बैकअप प्लान भी तैयार किया है। अगर लैंडर चांद के साउथ पोल पर सफलतापूर्वक लैंड कर गया, तो भारत के लिए ये बहुत बड़ी उपलब्धि होगी। एक नया इतिहास रचा जाएगा क्योंकि इसके बाद भारत चांद के साउथ पोल पर सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला पहला देश बन जाएगा। भारत के इस मिशन को लेकर पूरी दुनिया की दिलचस्पी इसलिए भी है क्योंकि पृथ्वी के चंद्रमा के इस हिस्से पर अभी तक कोई देश नहीं पहुंचा है। हाल में रूस ने अपने चंद्र मिशन 'लूना-25' से यहां पहुंचने की कोशिश की लेकिन वह क्रैश हो गया और उसका मिशन फेल हो गया।
इसरो का कहना हैं कि लैंडिंग प्रक्रिया के 17 मिनट बेहद जोखिम भरे हैं क्योंकि इस दौरान पूरी प्रक्रिया ऑटोनॉमस होगी, लैंडर को अपने इंजनों को सही समय और ऊंचाई पर चालू करना होगा, सही मात्रा में ईंधन का इस्तेमाल करना होगा और आखिर में सतह छूने से पहले किसी भी बाधा या पहाड़ी की जानकारी के लिए चंद्रमा की सतह को स्कैन करना होगा। जानकारी के अनुसार, चंद्रयान-3 मिशन की लागत 600 करोड़ रुपये है। इसे 14 जुलाई को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से शक्तिशाली रॉकेट LVM मार्क 3 से लॉन्च किया गया था।
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