Delhi News : सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के LG और CM को दीं बड़ी सलाह, कहा- "झगड़ा बंद करो, राजनीति से ऊपर उठो", दोनों DERC का नाम तय कर हमें बताएं
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Delhi News : दिल्ली सरकार और केंद्र के DERC अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर अधिकारों की लड़ाई जारी है। आज सुप्रीम कोर्ट ने अरविंद केजरीवाल सरकार की दो याचिकाओं पर एक साथ सुनवाई की। अब इस मामले में सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि LG और मुख्यमंत्री को एक साथ बैठकर DERC के अध्यक्ष का नाम तय करने का सुझाव दिया। जानकारी के मुताबिक, आज की सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली के उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को दिल्ली विद्युत नियामक आयोग के अध्यक्ष के नाम पर फैसला करने का सुझाव दिया।
पहली याचिका दिल्ली इलेक्ट्रिसिटी रेगुलेटरी कमीशन (DERC) के अध्यक्ष पद पर नियुक्ति को लेकर थी। दूसरा मामला दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ था। CJI डीवाई चंद्रचूड़, जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जस्टिस मनोज मिश्रा की बेंच ने कहा- दिल्ली सरकार और उप-राज्यपाल वीके सक्सेना मिलकर DERC के चेयरमैन का नाम तय करें।
अदालत ने कहा, LG और CM संवैधानिक पदाधिकारी हैं, उन्हें कलह से ऊपर उठना होगा। हम इसमें कदम नहीं रखना चाहते हैं, हम चाहते हैं कि दोनों पक्ष इस समाधान पर पहुंचें। दिल्ली LG की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा कि वह LG को भी यही सलाह देंगे। दूसरी ओर, दिल्ली सरकार की ओर से पेश वकील ने अदालत से कहा, 'यथार्थवादी होने के नाते सामान्य उम्मीदवार मिलने पर बहुत आशा नहीं है।
कोर्ट ने कहा- LG और मुख्यमंत्री दोनों ही संवैधानिक पदों पर हैं। इन लोगों को लड़ाई-झगड़े से ऊपर उठना चाहिए। दोनों साथ बैठें और DERC का नाम तय कर हमें बताएं। इसके अलावा कोर्ट ने दिल्ली में अफसरों के ट्रांसफर-पोस्टिंग को लेकर केंद्र सरकार के अध्यादेश के खिलाफ सुनवाई की। CJI चंद्रचूड़ ने कहा- हम यह मामला पांच जजों के संविधान पीठ को भेजना चाहते हैं। फिर संविधान पीठ तय करेगा कि क्या केंद्र इस तरह संशोधन कर सकता है या नहीं ! इस मामले में अभी तक फैसला नहीं हुआ है। मामले की अगली सुनवाई गुरुवार को होगी। कोर्ट तब तय करेगा कि अध्यादेश का मामला संविधान पीठ को भेजा जाए या नहीं।
सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश के बाद, DERC अध्यक्ष की नियुक्ति दिल्ली सरकार और LG कार्यालय के बीच नवीनतम टकराव है। आम आदमी पार्टी ने इस अध्यादेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है।
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