Chandrayaan-3 : चंद्रयान-3 के रोवर ने चांद पर खोजा सल्फर, प्रज्ञान रोवर को ऑक्सीजन समेत 8 एलिमेंट्स भी मिले, हाइड्रोजन की तलाश जारी
Khari Khari News :
Chandrayaan-3 : चांद की सतह पर उतरे चंद्रयान 3 को आज एक बड़ी सफलता मिली है। ISRO ने बताया कि Chandrayaan 3 के प्रज्ञान रोवर पर लगे एक डिवाइस ने बताया कि चांद के साउथ पोल के पास सतह में सल्फर के होने की पुष्टि हुई है। ISRO ने बताया कि इस डिवाइस ने बताया कि चांद की सतह पर ऑक्सीजन के साथ साथ एल्युमीनियम, कैल्शियम, लौह, क्रोमियम, टाइटेनियम, मैंगनीज, सिलिकॉन और ऑक्सीजन का भी पता लगाया है। इसके अलावा चंद्रयान 3 चांद की सतह पर हाइड्रोजन की तलाश में है।
रोवर प्रज्ञान ने पहली बार खींची लैंडर विक्रम की तस्वीर, कहा- स्माइल प्लीज
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 30, 2023
Smile, please📸!
Pragyan Rover clicked an image of Vikram Lander this morning.
The 'image of the mission' was taken by the Navigation Camera onboard the Rover (NavCam).
NavCams for the Chandrayaan-3 Mission are developed by the Laboratory for… pic.twitter.com/Oece2bi6zE
इस के साथ ही आज सुबह चंद्रयान-3 के प्रज्ञान रोवर ने विक्रम लैंडर की एक तस्वीर क्लिक की। रोवर पर 2 नेविगेशन कैमरे लगे हैं जिससे ये फोटो क्लिक की गई है। इसमें विक्रम लैंडर पर लगा पेलोड 'चास्टे' सतह पर ड्रिंलिंग करता दिख रहा है। ये पेलोड सतह और गहराई में तापमान मापता है।
ISRO ने ट्वीट करके बताया कि वहां लगातार वैज्ञानिक प्रयोग चल रहे हैं और इसी कड़ी में रोवर प्रज्ञान ने बड़ी खोज की है। इसरो ने पोस्ट किया 'रोवर पर लगा उपकरण एलआईबीएस पहली बार इन-सीटू माप के माध्यम से, दक्षिणी ध्रुव के पास चंद्र सतह में सल्फर (एस) की उपस्थिति की स्पष्ट रूप से पुष्टि करता है।
Chandrayaan-3 Mission:
— ISRO (@isro) August 29, 2023
In-situ scientific experiments continue .....
Laser-Induced Breakdown Spectroscope (LIBS) instrument onboard the Rover unambiguously confirms the presence of Sulphur (S) in the lunar surface near the south pole, through first-ever in-situ measurements.… pic.twitter.com/vDQmByWcSL
जानकारी के मुताबिक, चांद की मिट्टी पर मिली ऑक्सीजन से सीधे सांस नहीं ली जा सकती है, क्योंकि वह ऑक्साइड फॉर्म में है। इससे पहले भी नासा ने चंद्रमा पर ऑक्सीजन का पता लगाया था। इसलिए इसरो को पहले से ही यह संभावना थी कि चंद्रमा की मिट्टी में ऑक्सीजन हो सकता है। ऑक्सीड एक केमिकल कंपाउंड की श्रेणी है, जिसमें एक या ज्यादा ऑक्सीजन एटम्स अन्य एलिमेंट के साथ बंधे होते हैं। उदाहरण के तौर पर H2O (पानी), CO2 (कार्बन डाइऑक्साइड), Li2O (लिथियम ऑक्साइड) आदि।
ऑब्जर्वेशन प्रयोग में सरफेस की मिट्टी पर हाई-फोक्स्ड लेजर का इस्तेमाल किया जाता है। गरम होने से प्लाज्मा बनता है, जिसका स्पेक्ट्रम पढ़कर विभिन्न तत्वों की पहचान की जाती है। चांद की सतह पर और उसकी गहराई पर तापमान में काफी अंतर पाया गया है। साउथ पोल पर तापमान करीब 50 डिग्री सेल्सियस होता है, वहीं 80mm की गहराई में माइनस 10°C तापमान रिकॉर्ड किया गया है। चांद्रयान-3 में लगे चास्टे में 10 टेम्परेचर सेंसर्स हैं, जो 10cm की गहराई तक पहुंच सकते हैं।
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