Punjab News : अमृतपाल के साथियों के परिजनों का आसाम जाने से इंकार, फसलों की कटाई का समय होने को बताया वजह
Punjab News : वारिस पंजाब दे का प्रमुख अमृतपाल सिंह अभी भी पंजाब पुलिस की गिरफ्त से दूर है। वहीं अमृतपाल के कुछ साथियों को गिरफ्तार कर असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद किया गया है। पिछले दिनों इन सभी शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी के प्रतिनिधियों और वकीलों ने मुलाकात की थी। जानकारी के मुताबिक, पंजाब सरकार ने शुरू में सिंह के सहयोगियों को दिल्ली की तिहाड़ जेल भेजने के बारे में सोचा था, लेकिन दिल्ली की जेल में कई पंजाबी गैंगस्टर, यहां तक कि कुछ अलगाववादी भी हैं, इसलिए सरकार ने उन्हें असम भेजने का फैसला किया। पंजाब के अमृतसर से लगभग 3000 किलोमीटर दूर 166 साल पुरानी डिब्रूगढ़ जेल के एक वार्ड में 9 साथियों भेजे गए। 2021 में जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने जन सुरक्षा कानून के तहत गिरफ्तार लोगों को आगरा की एक जेल भेजकर कुछ ऐसा ही किया।
इससे यह सुनिश्चित हो गया कि गिरफ्तार किए गए लोगों को उनके गृह राज्यों से जेल में रखा गया है। डिब्रूगढ़ जेल परिसर 1857 में भारतीय स्वतंत्रता के पहले युद्ध में भाग लेने वाले भारतीयों के लिए बनाया गया था, लेकिन तब से कई कैदियों को रखा गया है जिन्होंने भारत की राष्ट्रीयता की धारणा के खिलाफ काम किया - 1980 के दशक के मध्य में प्रतिबंधित उल्फा के सदस्य उदाहरण और अब, पंजाब के अलगाववादी। अमृतपाल सिंह के खिलाफ चलाए गए अभियान में NSA लगा डिब्रूगढ़ जेल भेजे गए 9 साथी। सजीपीसी प्रमुख की तरफ से इन सभी को कानूनी सहायता देने की बात कहीं गई थी, वहीं अब एसजीपीसी ने अनुमति ली है कि जेल में बंद ये सभी लोग जिनके ऊपर NSA लगाया गया है अब अपने परिवारों से मिल सकेंगे।
लेकिन उनके पारिवारिक सदस्य अभी मिलने नहीं जाना चाहते। अमृतपाल सिंह के 9 साथियों में से 7 ने शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को अभी जाने से इनकार कर दिया है। वहीं एक्टर दलजीत कलसी का परिवार खुद डिब्रूगढ़ पहुंचेगा। जानकारी के अनुसार, अमृतसर की तरफ से पारिवारिक सदस्यों को 20 अप्रैल गुरुवार को मिलने की परमिशन दी गई थी। जिसकी तैयारियों के लिए 18 अप्रैल को SGPC की तरफ से सभी 9 आरोपियों के पारिवारिक सदस्यों से संपर्क किया गया ताकि 19 अप्रैल को अमृतसर से रवाना हो सकें, लेकिन 9 में से 7 पारिवारिक सदस्यों ने अभी जाने से मना कर दिया है। पारिवारिक सदस्यों का कहना है कि खेतों में फसलें पक चुकी हैं। इस बीच वे डिब्रूगढ़ जेल अभी नहीं जा सकते। वहीं कुछ का कहना है कि वे सड़क मार्ग से डिब्रूगढ़ नहीं जाना चाहते।
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