MP News : पेशाब कांड के पीड़ित का CM आवास में हुआ बड़ा सम्मान, पीड़ित आदिवासी के मुख्यमंत्री शिवराज ने धोए पैर, आरती की और मांगी माफी, देखिए वीडियो

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MP News : मध्यप्रदेश के सीधी जिले में आदिवासी युवक के मुंह पर पेशाब करने की घटना के पूरे देश को हिला कर रख दिया। जब इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ तो लोगों का गुस्सा फूट पड़ा। सीधी ज़िले में आदिवासी शख्स पर पेशाब करने का मामला अब राजनीतिक रूप ले चुका है। जहां एक ओर कांग्रेस ने आरोपी के भाजपा से जुड़े होने का दावा किया है वहीं  मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सीएम हाउस में आदिवासी दशमत रावत से मुलाकात की और उनके पैर धोए हैं। मुख्यमंत्री CM चौहान ने आज भोपाल में CM हाउस में दशमत रावत से मुलाकात की और उनके पैर धोए। सीधी जिले के एक वायरल वीडियो में, आरोपी प्रवेश शुक्ला को आदिवासी समुदाय से आने वाले रावत पर पेशाब करते देखा गया था।

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान आदिवासी दशमत का हाथ पकड़कर उसे भीतर ले गए। कुर्सी पर बैठाया। पांव धोए, आरती उतारी और तिलक लगाया। शॉल ओढ़ाकर शिवराज ने उसका सम्मान किया। मुख्यमंत्री ने आदिवासी वयक्ति से कहा, "वह वीडियो देखकर मुझे दुख हुआ। मैं आपसे माफी मांगता हूं। लोग मेरे लिए भगवान की तरह हैं। घटना का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने के बाद आक्रोश फैलने के बाद आदिवासी युवक पर पेशाब करने के आरोपी व्यक्ति को बुधवार को गिरफ्तार कर लिया गया। गिरफ्तारी के बाद, शुक्ला को मेडिकल जाँच के लिए ले जाया गया। चौहान के आदेश पर अधिकारियों ने प्रवेश शुक्ला के घर को तोड़ दिया। जानकारी के अनुसार, आरोपी के खिलाफ बहारी पुलिस स्टेशन में भारतीय दंड संहिता की धारा 294, 504, के तहत मामला दर्ज किया गया था। कड़े राष्ट्रीय सुरक्षा कानून के खिलाफ कार्रवाई भी शुरू की गई है। 

इस बीच, कांग्रेस ने दावा किया है कि शुक्ला के भाजपा के टॉप नेताओं से संबंध हैं। हालांकि, भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के इस आरोप से इनकार किया है कि आरोपी भगवा पार्टी से जुड़ा था। विपक्षी कांग्रेस और मायावती के नेतृत्व वाली बसपा ने मांग की थी कि मध्य प्रदेश की भाजपा सरकार शुक्ला की संपत्तियों को ध्वस्त करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करे।

मध्य प्रदेश कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि आरोपी भाजपा नेता प्रवेश शुक्ला ने पीड़ित से एक हलफनामा दाखिल करवाया कि उनके खिलाफ कोई मामला दर्ज नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, सीधी में हुई घटना आदिवासी समुदाय का अपमान है। राज्य सरकार को मामले की जांच CBI को सौंप देनी चाहिए और मामले की सुनवाई गैर-भाजपा राज्यों की अदालत में होनी चाहिए। उन्होंने मांग की कि पीड़ित परिवार को 2 करोड़ रुपये का मुआवजा और परिवार के दो सदस्यों को सरकारी नौकरी दी जाए। 

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