मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाएं : कुमारी सैलजा

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Kumari Selja
- मणिपुर में कानून-व्यवस्था फेल होने पर सुप्रीम कोर्ट ने भी लगाई मुहर

Khari Khari News :

अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री और छत्तीसगढ़ की प्रभारी कुमारी सैलजा ने कहा कि मणिपुर जल रहा है, केंद्र सरकार और उसके मुखिया संसद में इस पर चर्चा से भाग रहे हैं। अब तो सुप्रीम कोर्ट ने भी कह दिया गया है कि मणिपुर में कानून-व्यवस्था फेल हो चुकी है। संवैधानिक मशीनरी का ब्रेकडाउन हो चुका है। इसलिए भाजपा की अगुवाई वाली केंद्र सरकार को तुरंत प्रभाव से मणिपुर सरकार को बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगाते हुए शांति बहाली होने तक सेना की तैनाती करनी चाहिए।

प्रधानमंत्री संसद से दूर भागने की बजाए मणिपुर पर चर्चा कराएं, देश की जनता को दें जवाब

मीडिया के नाम जारी एक बयान में कुमारी सैलजा ने कहा है कि कांग्रेस समेत तमाम विपक्षी दल मणिपुर की बिगड़ती स्थिति को लेकर पहले दिन से ही गंभीर हैं लेकिन केंद्र सरकार, उसके मंत्री और प्रधानमंत्री ने इस पर चुप्पी साधी हुई है। मणिपुर की सच्चाई बाहर आने से पहले सत्ता में बैठे लोगों ने गलत बयानबाजी कर देश के लोगों को गुमराह करने का प्रयास किया, जो लोकतंत्र में किसी भी सूरत में माफी योग्य नहीं है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसदों का एक प्रतिनिधिमंडल मणिपुर का दौरा करके आया है, जिसने वहां के हालात को करीब से देखा। इस बारे में मणिपुर की राज्यपाल को ज्ञापन भी दिया और अब राष्ट्रपति से भी मिले हैं। पर भाजपा के किसी नेता और केंद्र सरकार के किसी मंत्री ने एक बार भी मणिपुर जाने की हिम्मत नहीं जुटाई, क्योंकि उन्हें मालूम है कि वहां के हालात बेहद खराब हैं।

सैलजा ने कहा कि विपक्षी दल जब भी आम जनता से जुड़ा कोई भी मुद्दा संसद में उठाता हैं तो केंद्र सरकार उसका जवाब देने की बजाए देश के लोगों को गुमराह करने लगती हैं। यही कारण है कि आज तक महंगाई, बेरोजगारी, गरीबी, भुखमरी जैसे मामलों पर कोई भी जवाब देने के लिए तैयार नहीं होता। सरकार की इस चुप्पी और बेबसी को देश की जनता समझने लगी है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने कहा कि केंद्र सरकार हर मोर्चे पर फेल साबित हुई है। यह पहली ऐसी सरकार है, जो न तो देश की आंतरिक सुरक्षा को लेकर सतर्क है और न ही बाह्य सुरक्षा को लेकर चिंतित है। इन्हें सिर्फ राज्यों में दूसरे दलों की जनता की चुनी हुई सरकारों को तोड़ना आता है। खुद ही सरकार कैसे बनाई जाए, भाजपा और उसकी केंद्र सरकार सिर्फ यही सोचती रहती है।

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