Kashi Vishwanath Temple : बाबा विश्वनाथ के भक्तों पर महंगाई की मार, सावन महीने में सुगम दर्शन और मंगला आरती करना हुआ महंगा, चुकाने होंगे दोगुने पैसे

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Kashi Vishwanath Temple
- देखिए नए रेट की लिस्ट हुई जारी

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Kashi Vishwanath Temple : उत्तर प्रदेश के वाराणसी में श्री काशी विश्वनाथ मंदिर में हर वर्ष की तरह इस बार भी सावन माह में भक्तों की भीड़ को देखते हुए दर्शन और आरती की नई रेट लिस्ट जारी कर दी है। सावन से पहले काशी विश्वनाथ मंदिर में सुगम दर्शन और आरती के रेट में बढ़ोतरी हुई है। 4 जुलाई से शुरू होने वाले श्रावण मास के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर प्रशासन ने अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। सावन के महीने में करोड़ों श्रद्धालु बाबा विश्वनाथ के दर्शन के लिए बनारस आते हैं। ऐसे में भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन नियमों में बदलाव करता रहता है। 

दोगुना महंगे हुए बाबा के दर्शन  

हर साल की तरह इस बार भी भीड़ को नियंत्रित करने के लिए मंदिर प्रशासन ने सुगम दर्शन के साथ-साथ अन्य प्रकार की पूजा के लिए ली जाने वाली राशि में बढ़ोतरी कर दी है। राशि बढ़ाने के पीछे मंदिर प्रशासन का अपना तर्क है, लेकिन इस बार भक्तों के लिए बाबा दर्शन महंगा हो गया है। मंदिर प्रशासन ने बढ़ी दरों की सूची जारी कर दी है। सुगम दर्शन के साथ ही इस बार मंगला आरती की दरों में करीब पचास फीसदी की बढ़ोतरी की गई है। नई रेट लिस्ट के मुताबिक अब सुगम दर्शन के लिए 300 रुपये की जगह 500 रुपये चुकाने होंगे। मंगला आरती के लिए 500 की जगह 1000 हजार रुपये लगेंगे। 

मंदिर के CEO के मुताबिक, सावन के आठ सोमवार को रेट ज्यादा रहेगा। सोमवार को सुगम दर्शन के लिए 750 रुपये और मंगला आरती के लिए 2000 रुपये चुकाने होंगे। मध्याह्न आरती भोग, सप्तर्षि आरती, रात्रि श्रृंगार आरती के लिए पूरे 500 रुपये चुकाने होंगे। यह रेट सिर्फ सावन के लिए है। अन्य दिनों में रेट 300 रुपये है। अगर रुद्राभिषेक के रेट की बात करें तो एक शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 700 रुपये और 5 शास्त्री से रुद्राभिषेक के लिए 2100 रुपये चुकाने होंगे। सोमवार को संन्यासी भोग के लिए 7500 रुपये शुल्क लिया जायेगा। अन्य दिनों में 4500 रुपये देने होंगे। सुगम दर्शन के लिए शुल्क अदा करने के बाद भक्तों को लाइन में नहीं लगना पड़ता और दर्शन के बाद उन्हें प्रसाद का डिब्बा भी दिया जाता है।

सावन में इस बार होंगी दस सजावटें

मंदिर प्रशासन के CEO के मुताबिक, पिछले साल सावन में 1.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने काशी विश्वनाथ मंदिर में दर्शन किए थे। इस बार भी सावन में करोड़ों श्रद्धालु आएंगे। इतनी बड़ी संख्या को संगठित करने के लिए एक समय में बहुत सारे संसाधनों का उपयोग करना पड़ता है, इसलिए सावन के महीने में सशुल्क सेवाओं में किराया बढ़ा दिया गया है। सावन खत्म होने के बाद सामान्य दिनों की तरह दर्शन शुल्क लिया जाएगा। इसके साथ ही पूरे श्रावण मास में बाबा विश्वनाथ का दस श्रृंगार होगा। 

सावन के पहले सोमवार 10 जुलाई को बाबा विश्वनाथ की चल प्रतिमा का शृंगार, दूसरे सोमवार 17 जुलाई को गौरी-शंकर का शृंगार, तीसरे सोमवार को अमृत वर्षा शृंगार, चौथे को भागीरथी शृंगार और मासिक पूर्णिमा सजावट। 5 सोमवार को तपस्यारत पार्वती श्रृंगार, 6 सोमवार को शंकर पार्वती गणेश श्रृंगार, 7 सोमवार को अर्धनारीश्वर, 8 सोमवार को रुद्राक्ष और 31 अगस्त को वार्षिक झूला श्रृंगार किया जाएगा। इस बार सावन में शिवभक्तों को काशी विश्वनाथ मंदिर तक ले जाने के लिए अस्सी और नमो घाट का 'जल मार्ग' खोला जा सकता है।

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