Supreme Court : रेप पीड़िता की कुंडली जांचने के हाईकोर्ट के आदेश पर सुप्रीम कोर्ट ने लगाई रोक, रेपिस्ट ने शादी नहीं करने के लिए बताई मंगेतर के मांगलिक होने की वजह

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Supreme Court : UP की इलाहाबाद हाई कोर्ट से जुड़ा बेहद अजीब मामला सामने आया है, जहां एक आरोपी ने अपनी मंगेतर से शादी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। बाद में शादी करने से यह कह कर इनकार कर दिया कि वो मांगलिक है। दुष्कर्म के आरोप में शिकायत दर्ज कराई गई और आरोपी को जेल में भेज दिया गया। इस मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वत: संज्ञान लिया और हाईकोर्ट के आदेश पर रोक लगा दी। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने हाईकोर्ट के आदेश पर हैरानी भी जताई। 

जानकारी के मुताबिक, सुप्रीम कोर्ट ने इलाहाबाद हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच द्वारा रेप पीड़िता की कुंडली की जांच के उस आदेश पर रोक लगा दी। जिसमें लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग को एक दुष्कर्म पीड़िता की कुंडली की जांच करने का निर्देश दिया गया था, ताकि यह निर्धारित किया जा सके कि वह मांगलिक है या नहीं, क्योंकि दुष्कर्म के आरोपी ने इस आधार पर उससे शादी करने से इनकार कर दिया। 

इसके साथ ही अवकाश पीठ ने इस पर सुनवाई करने को कहा है। इलाहाबाद विश्वविद्यालय के दुष्कर्म के आरोपी की जमानत अर्जी पर सुनवाई करते हुए जस्टिस ने कुंडली जांचने का आदेश दिया। हाईकोर्ट की लखनऊ खंडपीठ ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के प्रमुख को 10 दिन के भीतर पीड़िता की कुंडली जांच कर यह बताने का आदेश दिया है कि पीड़िता मांगलिक है या नहीं।  इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर दुष्कर्म के आरोप में जेल में हैं। आरोपी ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दाखिल की है। अर्जी पर सुनवाई के दौरान आरोपी के वकील ने कहा कि पीड़िता मांगलिक है, इसलिए याचिकाकर्ता उससे शादी नहीं कर सकता।

वहीं पीड़िता के वकील ने कहा कि पीड़िता मांगलिक नहीं है। इस पर कोर्ट ने कहा कि पीड़िता मांगलिक है या नहीं, यह जांच के बाद ही पता चलेगा। कोर्ट ने लखनऊ विश्वविद्यालय के ज्योतिष विभाग के अध्यक्ष को पीड़िता की कुंडली देखने का आदेश दिया था। कोर्ट ने सीलबंद लिफाफे में पीड़िता की कुंडली की जांच रिपोर्ट मांगी है।जानकारी के मुताबिक, हाई कोर्ट ने दुष्कर्म की जमानत अर्जी पर विचार करेगा। 26 जून को आरोपी, जैसा कि पहले तय किया गया था, और इसकी खूबियों के आधार पर फैसला किया।

बेंच ने आज अपने आदेश में कहा, हम यह स्पष्ट करते हैं कि हाई कोर्ट 26 जून, 2023 को जमानत अर्जी के गुण-दोष के आधार पर मामले की सुनवाई करेगा, जो इस मामले में पहले से तय तारीख है। आरोपी ने हाईकोर्ट को बताया था कि महिला के मांगलिक होने के कारण शादी नहीं हो सकी। पीड़ित लड़की ने अपने मांगलिक होने से इनकार किया था। आरोप है कि आरोपी ने शादी का झांसा देकर युवती से दुष्कर्म किया। हालांकि, बाद में उसने पीड़िता को मांगलिक बताते हुए उससे शादी करने से इनकार कर दिया। अदालत ने मामले को 19 जून, 2023 से शुरू होने वाले सप्ताह में सुनवाई के लिए पोस्ट किया।

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