Adampur Election Politics: हुड्डा ने कांग्रेस को बना दिया बापू-बेटे की पार्टी

-आदमपुर उपचुनाव में सिर्फ खुद का किया प्रचार 

-कांग्रेस पार्टी का कहीं भी नहीं किया ज़िक्र

-राहुल गांधी और सोनिया गांधी का भी लाम लेना ग्वारा नहीं समझा

-बाकी पार्टी नेताओं को कर दिया इग्नोर

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Adampur Electoral Politics

कुलदीप श्योराण, आदमपुर:

Adampur Election Politics: पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा और उनके सांसद बेटे दीपेंद्र हुड्डा ने आदमपुर उपचुनाव में यह साबित कर दिया कि हरियाणा कांग्रेस अब उनके "शिकंजे" में आ चुकी है और अब कांग्रेस इन बापू-बेटे की पार्टी बन चुकी है। आदमपुर उपचुनाव में भूपेंद्र हुड्डा ने पूरे चुनाव प्रचार के दौरान यह साबित करने की कोशिश की वे ही कांग्रेस हैं और कांग्रेस भी सिर्फ उनसे है। भूपेंद्र हुड्डा ने पूरे चुनाव प्रचार में एक बार भी कांग्रेस पार्टी का नाम लिया नहीं लिया। वे सिर्फ हमारी सरकार, हमारी सरकार ही हर जगह कहते रहे। चुनावी वादों में भी उन्होंने कहीं नहीं कहा कि कांग्रेस सरकार बनने पर यह किया किया जाएगा। उन्ह कहा कि हमारी सरकार बनने पर पेंशन दी जाएगी ...हमारी सरकार बनने पर प्लाट दिए जाएंगे....हमारी सरकार बनने पर नौकरियां दी जाएंगी।

Adampur Electoral Politics

सोनिया और राहुल गांधी का नाम नहीं लिया

 भूपेंद्र हुड्डा घमंड में इतने अंधे हो गए कि उन्होंने पूरे चुनाव प्रचार में एक बार भी सोनिया गांधी और राहुल गांधी का नाम भी लेना ग्वारा नहीं समझा। वे पूरे चुनाव में सिर्फ अपनी सरकार के गुणगान करते रहे और खुद को सबसे बड़ा नेता साबित करते रहे। भूपेंद्र हुड्डा ने आदमपुर चुनाव में पूरी कमान अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा को सौंप दी।

दूसरे नेताओं को कर दिया इग्नोर

उन्होंने पार्टी के बड़े नेताओं को इग्नोर कर दिया। स्टार प्रचारकों की सूची में शामिल होने के बावजूद, बड़े नेताओं कुमारी शैलजा, किरण चौधरी और रणदीप सुरजेवाला को एक बार भी चुनाव प्रचार के लिए नहीं बुलाया गया। भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने यह साबित करने की कोशिश की कांग्रेस में उन्हें हरियाणा के किसी दूसरे नेता की जरूरत नहीं है। उनकी नजर में किसी भी दूसरे नेता की अहमियत नहीं है। अहंकार में भूपेंद्र हुड्डा यह भूल गए कि इन नेताओं का भी आदमपुर के इलाके में अपना वजूद और रसुख है।

इन नेताओं को बुलाया जाता तो इन कांग्रेसी नेताओं का वोटबैंक पार्टी प्रत्याशी जयप्रकाश को मजबूती देने का काम करता लेकिन भूपेंद्र हुड्डा को इन नेताओं की शक्ल देखना भी मंजूर नहीं है। इसलिए उन नेताओं को चुनाव से दूर रखा गया। खरी खरी बात यह है कि हरियाणा कांग्रेस का फ्री हैंड मिलने के बाद भूपेंद्र हुड्डा पूरी तरह से तानाशाही तरीके से काम कर रहे हैं। पार्टी मजबूती के लिए काम करने के बजाए भूपेंद्र हुड्डा अपने परिवार के बारे में ही सोच रहे हैं। 

बेटे को सीएम बनाने के लिए किसी भी हद तक जाने को तैयार

भूपेंद्र हुड्डा बेटे दीपेंद्र हुड्डा को 2024 के चुनाव में सिम लाने के लिए किसी भी हद में से पार जाने को तैयार हैं। धृतराष्ट्र की तरह अंधे होकर सिर्फ अपने बेटे दीपेंद्र हुड्डा के बारे में सोच रहे हैं लेकिन वे यह नहीं देख पा रहे हैं कि अहंकार हमेशा विनाशकारी होता है और आदमपुर उपचुनाव की फिज़ा भी बता रही है कि भूपेंद्र हुड्डा के प्रत्याशी जयप्रकाश को जमीन सुंघने के लिए तैयार रहना होगा।

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