T-20 World Cup: सूर्य कुमार के पेरेंट्स को मिलते थे बेटे की जिंदगी खराब करने के ताने

-टीम में सिलेक्शन नहीं होने से बेहद हताश हो गए थे मिस्टर 360

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T-20 World Cup

Australia में चल रहे T-20 World Cup मुकाबलों में अब तक एक से बढ़कर एक खिलाड़ियों का शानदार प्रदर्शन देखने को मिला है। वहीं टूर्नामेंट में मौजूद भारतीय खिलाड़ी सूर्य कुमार यादव वर्ल्ड कप में शानदार प्रदर्शन कर रहे हैं। इनके प्रदर्शन को देखते हुए इनको क्रिकेट का नया मिस्टर 360 डिग्री भी कहा जा रहा है। जब सूर्य मैदान पर बल्लेबाजी कर रहे होते है तो कुछ कहा नहीं जा सकता की ये किस तरफ शॉट खेल दें। इनके द्वारा चारों दिशाओं में खेले गए शॉट्स स्टेडियम के बाहर बैठे दर्शकों को चौंका देते है। 

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सूर्य के नाम 3 Fifty 

सूर्य मैदान पर आते ही बड़ी आसानी से रन बटोरते है। आपको बता दें कि इस साल वर्ल्ड कप में सूर्या ने 5 मैचों में 193 की शानदार स्ट्राइक रेट से 225 रन बनाए हैं। इस दौरान इन्होने तीन फिफ्टी भी लगाई है। इन्होने 25 चौके और 8 छक्के लगाए हैं। इनका वर्तमान औसत 75 का रहा है। आपको बता दें कि सूर्य की इस कामयाबी के पीछे इनके माता-पिता का बहुत बड़ा योगदान हैं। 

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रिश्तेदार मारते थे ताना 

वर्ल्ड कप में सूर्य की फॉर्म को देखते हुए इनकी बहुत प्रसंशा की जा रही है। सूर्य के लिए उसके माता-पिता ही उनके भगवान है। सूर्या के पिता अशोक कुमार यादव ने सोशल मीडिया पर बातचीत करते हुए बताया है कि सूर्य के यहां तक पहुंचने से पहले रिश्तेदार उनको ताना मारते थे। वे उनके माता-पिता को बोलते थे कि तुम अपने बेटे को क्रिकेट खेल में डालकर उसकी जिंदगी बर्बाद कर रहे हो। सूर्य के पिता ने उनकी लाइफ से जुड़ी कुछ दिलचस्प कहानी भी बताई। जानिए 

सूर्य 2 साल पहले हुए थे बहुत निराश 

बात है आईपीएल 2020 कि इस साल सूर्यकुमार का प्रदर्शन बहुत ही शानदार रहा था। इनके द्वारा खेले गए चारों दिशाओं में शॉट्स से बातें शुरू हो गई थीं। कहा जाने लगा था कि अब सूर्या को भारत टीम के लिए चुन लिए जाएंगे। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ जिसके बाद जिसने बहुत गुस्से में आ गए। सूर्य के पिता अशोक ने बताया कि सूर्य 2 साल पहले बहुत निराश था। जब ऑस्ट्रेलिया टूर्नामेंट के लिए टीम का चयन किया जा रहा था तो सूर्या को उम्मीद थी की टीम में उनको चुन लिया जाएगा। लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। जिसके बाद सूर्या निराश हो गए और उनकी उम्मीदों पर पानी फिर गया। 

लोग माता-पिता को कहते थे इसकी Study पर ध्यान दो

पिता अशोक ने बताया कि सूर्य बचपन से ही अपनी मां से बहुत प्यार करता है उसको अपनी मां से ज्यादा लगाव रहा हैं। उन्होंने बताया  कि सूर्य अपने किसी भी मैच से पहले अपनी मां से फोन पर बात करता हैं और उनका आशीर्वाद जरूर लेता हैं। सूर्य के पिता ने आगे बताया  कि जिस सोसायटी में हम रहते हैं वहा के ज्यादातर युवा साइंटिस्ट और इंजीनियर हैं। लेकिन सूर्य का ध्यान शुरू से ही खेल की तरफ ज्यादा रहा है। वह पहले बैडमिंटन खेलता था, फिर क्रिकेट खेलने लगा। इसके बाद सूर्य क्रिकेटर बन गया। सोसायटी के लोग हमे ताना मरते थे। कहते थे- खेल में क्या रखा है। इसमें कोई करियर नहीं है। इसकी स्टडी की तरफ ध्यान दो.....

सूर्या के कोच ने उनके पिता से कहा 

लेकिन एक दिन सूर्या के कोच ने मुझसे बात करते हुए कहा कि आपका बेटा बहुत ज्यादा टैलेंटेड है। वह एक दिन जरूर कुछ बड़ा करेगा। फिर इसके बाद मेने अपने बेटे को कभी नहीं रोका। में जानता था कि नहीं ज्यादा वह कम से कम रणजी ट्रॉफी तो खेल ही लेगा। 

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