आज स्कंद षष्ठी के दिन करें इस विधि से पूजा,सभी कष्टों से मिलेगा छुटकारा !

Kharikhari News Desk : हिंदू पंचांग के अनुसार पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को स्कंद षष्ठी व्रत रखने का विशेष महत्व है। ये दिन भगवान कार्तिकेय को समर्पित दिन है. इस दिन जो व्यक्ति भगवान कार्तिकेय की विधिवत पूजा करता है, उनके जीवन के सारे कष्ट दूर हो जाते हैं और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. इसके अलावा इस दिन माता अपनी संतान की सलामती के लिए व्रत रखती है. तो आइए आज हम आपको अपने इस लेख में बताएंगे कि स्कंद षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है, पूजा विधि क्या है, इस दिन किस मंत्र का जाप करना शुभ माना जाता है.
स्कंद षष्ठी व्रत का शुभ मुहूर्त क्या है?
पौष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि का शुभ मुहूर्त आज दिनांक 28 दिसंबर 2022 को शाम 08:45 मिनट तक रहेगा. आज आप 08:45 से पहले कभी भी भगवान कार्तिकेय की पूजा कर सकते हैं.
स्कंद षष्ठी की पूजा विधि क्या है?
सबसे पहले स्नान करें, स्वच्छ कपड़े पहनें. उसके बाद भगवान कार्तिकेय का ध्यान रखते हुए व्रत रखें. वहीं पूजा के दौरान सबसे पहले भगवान शिव और माता पार्वती की पूजा अवश्य करें. उसके बाद भगवान कार्तिकेय को फूल, फल, मेवा, सिंदूर, अक्षत,सिंदूर चढ़ाएं और भगवान कार्तिकेय के सामने घी की दीपक जलाएं.
स्कंद षष्ठी व्रत महत्व,क्या है मंत्र और कितनी बार करें जाप :
इस दिन जो व्यक्ति भगवान कार्तिकेय की विधिवत पूजा करता है और सच्चे मन से उनकी उपासना करता है. उनके जीवन की सारी समस्याएं दूर हो जाती है और उनकी सभी मनोकामनाएं पूरी हो जाती है. इसके अलावा इस दिन संतान की सलामती के लिए व्रत रखी जाती है।
देव सेनापते स्कंद कार्तिकेय भवोद्भव.
कुमार गुह गांगेय शक्तिहस्त नमोस्तु ते॥
ॐ तत्पुरुषाय विद्महे महा सैन्या धीमहि तन्नो स्कंदा प्रचोदयात:।