Supreme Court Hearing : समलैंगिक शादी की मान्यता मामले में आज होगी सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई, कानूनी मान्यता मिलेगी या नहीं !
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Supreme Court Hearing : सुप्रीम कोर्ट केंद्र सरकार के आवेदन पर मंगलवार यानी आज सुनवाई के लिए सहमत हो गया, जिसमें समलैंगिक विवाह को कानूनी मान्यता देने के लिए संवैधानिक न्यायालय के अधिकार क्षेत्र और क्षमता पर सवाल उठाया गया था, जिसे केंद्र ने एक बहुत ही संवेदनशील सामाजिक-कानूनी मुद्दा करार दिया, जो संसद के विशेष कानून के तहत आता है।
जानकारी के अनुसार, CJI डी वाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली बेंच का फैसला उस दिन आया जब केंद्र की चुनौती में भाजपा शासित मध्य प्रदेश और गुजरात की सरकारें शामिल हुईं, जो सुप्रीम कोर्ट के फैसले के खिलाफ पुशबैक के बदलाव का संकेत देती दिख रही हैं। निर्धारित करें कि क्या समान-लिंग संघों को उसी कानूनी आधार पर रखा जा सकता है, जिस पर विषमलैंगिक विवाहों को पूर्ण पैमाने पर प्रतिरोध में रखा जा सकता है।
जानकारी के अनुसार, भाजपा सरकारों के साथ-साथ राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग (एनसीपीसीआर) ने भी इस विवाद में हस्तक्षेप करने की मांग करते हुए तर्क दिया कि समलैंगिक माता-पिता बच्चे के सर्वांगीण मानसिक विकास के लिए अच्छा नहीं है। गौरतलब है कि इसकी दलील इस तथ्य के बावजूद आती है कि याचिकाकर्ताओं ने अभी तक समान-लिंग वाले जोड़ों के लिए गोद लेने के अधिकार की मांग नहीं की है, कुछ ऐसा जो आयोग को एक ठिकाना देता और शादी से परे विवाह की अवधारणा में विविधता लाने की मांग के खिलाफ विरोध का उदाहरण था।
केंद्र ने तर्क दिया कि विवाह सामाजिक-कानूनी संस्था है, जिसे संविधान के अनुच्छेद 246 के तहत सिर्फ विधायिका ही मान्यता दे सकती है। केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट से कहा कि शादी को मान्यता देना अनिवार्य रूप से एक विधायी कार्य है, जिसे तय करने से अदालतों को बचना चाहिए। अदालतें विवाह के लिए मौजूदा विधायी ढांचे को तोड़कर कानून न तो बना सकती हैं और न ही उन्हें मान्यता दे सकती हैं।
सेम-सेक्स विवाह को वैध बनाने की मांग करने वाली याचिकाओं के एक समूह पर CJI की अगुवाई वाली पांच-न्यायाधीशों की बेंच का फैसला जो भी हो, सुनवाई का कार्यक्रम सामाजिक सीमाओं को आगे बढ़ाने की मांग करने वाले याचिकाकर्ताओं के बीच एक अवशोषित द्वारा चिह्नित कार्यवाही का वादा करता है। विवाह और वे जो भावुकता से महसूस करते हैं कि यथास्थिति से विचलन समाज के लिए गंभीर परिणामों से भरा है।
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