Haryana News : नव संकल्प रैली में जेजेपी ने किया जोरदार शक्ति प्रदर्शन, दुष्यंत चौटाला ने विरोधी पार्टियों पर बोले ताबड़तोड़ हमले
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Haryana News : जेजेपी जो 2019 विधानसभा चुनाव से पहले हरियाणा के जिंद जिले से प्रकाश में आई थी, अब 2024 के चुनावों से पहले एक बार फिर से उसी जिले को चुना है। हरियाणा के जींद जिले में आज जननायक जनता पार्टी(JJP) की 'नवसंकल्प' रैली हो रही है, जिसमें डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला, दिग्विजय चौटाला और डॉ. अजय चौटाला मौजूद हैं। रैली की शुरुआत करते हुए कलाकारों ने गीत गया और तीनों दिग्गज नेताओं का पगड़ी पहनाकर स्वागत किया गया। दुष्यंत चौटाला, उनके पिता और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अजय चौटाला, उनके भाई दिग्विजय चौटाला, पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष निशान सिंह समेत जेजेपी नेता पिछले कई दिनों से गांव स्तर पर प्रचार कर रहे हैं।
डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला ने अपने संबोधन में कहा
कोरोना और किसानों के आंदोलन के दौरान वह घर बैठे थे, लेकिन अब 4 चीजों का मूल मंत्र लेकर निकला हूं, अब आराम से नहीं बैठूंगा। सिर से ठंडा, मुंह से मीठा, पांव की रफ्तार और पार्टी का प्रचार लेकर आगे बढ़ते रहेंगे। आम आदमी पार्टी वाले कहते हैं कि हरियाणा में सूरजमुखी का दाम नहीं मिल रहा, लेकिन हरियाणा में सूरजमुखी का दाम 6 हजार रुपए से ऊपर है और पंजाब में 4200 रुपए है। कांग्रेस हो, इनेलो हो या दूसरी सभी पार्टी को एक ही चिंता रहती है कि किसी तरह दुष्यंत चौटाला से पीछा छुड़वा लो। ऐसे बोला जाता है कि जैसे वह प्रदेश का सबसे बड़ा दुश्मन हो।
भूपेंद्र हुड्डा के राज में फसल खराबे का ढाई साल के आंदोलन के बाद मुआवजा मिला और वह मुआवजा मात्र 2 रुपए, ढाई रुपए का था। आज के दिन मुआवजे के लिए किसी के पास जाने की जरूरत नहीं। 30 दिन के अंदर 67 करोड़ किसानों के खातें में मुआवजे के रूप में देने का काम किया। पहले यह मुमकिन नहीं था कि कोई भी आम आदमी गली निर्माण, सड़क या नाला बनाने की मांग सरकार तक अपनी आवाज पहुंचा सके, अब ग्राम दर्शन पोर्टल के लिए जरिए मांग सीधी पहुंच जाती है।
प्रदेश के साढ़े 19 हजार बूथों पर सितंबर माह तक बूथ योद्धा बनाए जाएंगे। पंचायतों की आज डिजिटल लाइब्रेरी जैसी मांगें आ रही हैं। जिस भी गांव में एक से 3 एकड़ जमीन मिलती है, वहां कम्युनिटी सेंटर बनाए जा रहे हैं। प्रदेश में 1200 तालाब पूरे तौर पर नए बने। 1400 तालाबों पर काम चल रहा है, 8 हजार तालाबों का काम अगले साल फरवरी तक पूरा कर लिया जाएगा। रैली की शुरुआत में ही पार्टी के दिग्गज नेताओं ने एक दूसरे का पकड़ कर ऊपर उठाकर एकजुटता दिखाते हुए लोकसभा चुनाव 2024 जीतने का दावा पेश किया।
रैली की शुरुआत में ही पार्टी के दिग्गज नेताओं ने एक दूसरे का पकड़ कर ऊपर उठाकर एकजुटता दिखाते हुए लोकसभा चुनाव 2024 जीतने का दावा पेश किया। महिलाओं की भागीदारी बढ़ानी पड़ेगी। हर बूथ पर एक महिला सखी बनानी पड़ेगी। हर एक महिला को जोड़ना पड़ेगा। जब चौधरी अजय चौटाला जेल में गए तो सबसे ज्यादा हौसला नैना चौटाला ने देने का काम किया। चुनरी चौपाल कार्यक्रम शुरू किया गया और 11 महीनों में ही 72 कार्यक्रम किए और बेहतर काम करके दिखाया।
पहले अमरजीत को जुलाना से चंडीगढ़ तक जाने में 5 घंटे लगते थे, लेकिन अब नेशनल 152-डी पर से होते हुए 5 घंटे में आकर अपना काम करवाकर वापस चले जाते हैं। हरियाणा विधानसभा का ताला यही पार्टी खोलती रहेगी। इसके लिए एक-डेढ़ साल मेहनत करनी होगी। मेहनत करते रहोगे तो यह चाबी चंडीगढ़ तो जाएगी, लेकिन लोकसभा में हिस्सा लेकर दिल्ली पार्लियामेंट में भी जाने का काम करेंगे। इसके लिए बूथ लेवल पर मेहनत करनी पड़ेगी। हर व्यक्ति तक पहुंचना पड़ेगा।
जुलाना हलके में 300 करोड़, सफीदों में 150 करोड़ की सडक़ें, जींद विधानसभा में 180 करोड़ की सड़कें बनी हैं। महम में 200 करोड़ रुपए से सड़कों का जाल बिछाने का काम किया। सोनीपत लोकसभा में 1200 करोड़ रुपए खर्च हो चुके हैं सड़कों के विस्तारीकरण पर। मंडियों से गेहूं की 2 दिन में लिफ्टिंग करवाई। किसानों के खातों में 13 हजार करोड़ रुपए दिए, आढ़तियों की दामी यानि आढ़त भी उनके खातों में पहुंचाने का काम किया। चाहे केंद्र से फंड लिया, चाहे नाबार्ड से लिया, CRF से लिया हो या फिर PM फंड से लिया, सड़कों को चकाचक करने का काम किया।
कांग्रेस के पक्ष में वोट नहीं मांगे, प्रदेश को बेहतर नेतृत्व के लिए निर्णय लिया तो गठबंधन की सरकार बनी। सफीदों से आगे पिल्लूखेड़ा, नारनौंद, बवानी खेड़ा, झज्जर तक एक बेल्ट ऐसी थी, जहां हर साल बारिश के बाद बाढ़ के कारण फसलें तबाह हो जाती थी। इसके बारे में सोचा और इस पर काम किया। पहले साल 350 करोड़ रुपए दिए, दूसरे साल 500 करोड़ रुपए दिए और इस साल 1100 करोड़ रुपए की लागत से काम चल रहा है।
आज विपक्ष के पास केवल एक ही काम है कि किसी तरीके से गठबंधन टूट जाए, किसी तरीके से संगठन टूट जाए, किस तरीके से वह राज में हिस्सेदार बनें। 17 नवंबर 2018 को नई शुरूआत की। एक पौधा लगाते हुए नया कदम उठाया था। इस साढ़े 4 साल के सफर में वह पौधा आज एक फलदार पेड़ बन चुका है।
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