CCI ने गूगल पर लगाया ₹1337 करोड़ का जुर्माना, एंड्रॉइड में प्री-इंस्टॉल गूगल ऐप्स डिलीट नहीं होते, इससे बाकी ऐप मेकर्स को नुकसान

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CCI Slaps 1337 crore fine on Google

कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने गूगल पर 1337.76 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगा दी है। एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस से जुड़ीं एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस करने के चलते अल्फाबेट के गूगल पर जुर्माना लगाया गया। जुर्माना लगाने के साथ ही CCI ने गूगल से अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिस बंद करने का आदेश दिया है। साथ ही कहा कि गूगल जल्द से जल्द अपनी सर्विस अपडेट करे।  

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CCI की जांच पिछले 2 सालों से जारी

CCI ने गूगल पर लगाया ₹1337 करोड़ का जुर्माना, एंड्रॉइड में प्री-इंस्टॉल गूगल ऐप्स डिलीट नहीं होते, इससे बाकी ऐप मेकर्स को नुकसान कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया ने गूगल पर 1337.76 करोड़ रुपए की पेनल्टी लगा दी है । एंड्रॉइड मोबाइल डिवाइस से जुड़ीं एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस करने के चलते अल्फाबेट के गूगल पर जुर्माना लगाया गया। जुर्माना लगाने के साथ ही CCI ने गूगल से अनफेयर बिजनेस प्रैक्टिस बंद करने का आदेश दिया है।  साथ ही कहा कि गूगल जल्द से जल्द अपनी सर्विस अपडेट करे।  

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CCI की जांच पिछले 2 सालों से जारी

गूगल के खिलाफ CCI की जांच पिछले 2 सालों से जारी है। इन्वेस्टिगेशन कमिटी ने गूगल पर एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस करने, अनफेयर बिजनेस करने और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में गड़बड़ी करने के आरोप भी लगाए थे। दो साल की जांच में CCI ने गूगल इंडिया को मार्केट में अपना एकतरफा दबदबा बनाने का दोषी पाया। गूगल दबाव बनाकर कॉम्पिटिशन और इनोवेशन को भी कम कर रहा था।  गूगल सर्च रिजल्ट, म्यूजिक, ब्राउजर, ऐप लाइब्रेरी और बाकी सर्विसेस में कई तरह की गड़बड़ी कर रहा था।  

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मजबूरी में करना पड़ता है गूगल ऐप्स का इस्तेमाल 

CCI ने आरोप लगाए कि गूगल मोबाइल फोन और ऐप मेकर्स पर वन-साइडेड कॉन्ट्रैक्ट का दबाव बनाता था। इससे किसी भी नए मोबाइल में पहले से गूगल के ऐप्स इंस्टॉल रहते हैं।   उन्हें अन-इंस्टॉल भी नहीं किया जा सकता।  इससे यूजर्स को मजबूरी में गूगल ऐप्स का इस्तेमाल करना पड़ता. इसी से गूगल ऐप्स का यूज टाइम बढ़ता और बाकी ऐप्स को नुकसान पहुंचने लगा।  

गूगल के खिलाफ CCI की जांच पिछले 2 सालों से जारी है। इन्वेस्टिगेशन कमिटी ने गूगल पर एंटी-कॉम्पिटिटिव प्रैक्टिस करने, अनफेयर बिजनेस करने और मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम में गड़बड़ी करने के आरोप भी लगाए थे। दो साल की जांच में CCI ने गूगल इंडिया को मार्केट में अपना एकतरफा दबदबा बनाने का दोषी पाया। गूगल दबाव बनाकर कॉम्पिटिशन और इनोवेशन को भी कम कर रहा था। गूगल सर्च रिजल्ट, म्यूजिक, ब्राउजर, ऐप लाइब्रेरी और बाकी सर्विसेस में कई तरह की गड़बड़ी कर रहा था।  

मजबूरी में करना पड़ता है गूगल ऐप्स का इस्तेमाल 

CCI ने आरोप लगाए कि गूगल मोबाइल फोन और ऐप मेकर्स पर वन-साइडेड कॉन्ट्रैक्ट का दबाव बनाता था। इससे किसी भी नए मोबाइल में पहले से गूगल के ऐप्स इंस्टॉल रहते हैं। उन्हें अन-इंस्टॉल भी नहीं किया जा सकता। इससे यूजर्स को मजबूरी में गूगल ऐप्स का इस्तेमाल करना पड़ता. इसी से गूगल ऐप्स का यूज टाइम बढ़ता और बाकी ऐप्स को नुकसान पहुंचने लगा।  

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