400 करोड़ की प्रॉपर्टी का मालिक क्यों लड़ रहा सरपंची का चुनाव?

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Amarendra Singh Chauhan

Amarendra Singh Chauhan : जीवन में एक कामयाब शख्सियत बनने के लिए व्यक्ति के लिए लक्ष्य निर्धारित करना जरूरी होता है। कामयाब वही इंसान हो सकता है, जो ज़िंदगी में कुछ बनने का जज्बा रखता है। ऐसा ही हरियाणा के गांवो में चौधरी  बनने का खेल अभी भी जारी है, कुछ गांवो को नए चौधरी मिल गए है तो कुछ में बनने के लिए जंग जारी है। गांव में चौधरी चुनना वहीं खेल है जैसे की हम एक, सरपंच चुनते है। यह चोन लोग थोड़ा सोच समझ करते है क्योकि यहां बात आती है गांव के विकास की। यदि हम एक अच्छे इंसान को चुनेंगे तो तभी गांव का विकास हो सकता है। परन्तु गांव में को परेशानी या समस्या आये तो उसका अच्छे से समाधान हो सके। उसके लिए गांव निवासी ऐसे व्यक्ति की चोन करते है जो कि अच्छी शिक्षा प्राप्त और समझ के साथ गांव के सभी कार्य को संभाल सके। 

400 करोड़ रुपये की सम्पति के मालिक है अमरेंद्र चौहान

ऐसे व्यक्ति का गांव निवासियों को यह फायदा होता है कि यदि वह गांव से बाहर देश विदेश या फिर अपने राज्य से बाहर भी जाये और वह के कोई नये तौर तरीकों को सीखें और अपने गांव में भी उन तरीको से सुधार करें ताकि गांव वालों को भी कुछ नया सीखने का मिले जिससे गांव की अच्छी तरक्की हो सके। ऐसा ही इनमें एक युवा रेवाड़ी जिले के गांव गोठड़ा टप्पा डहिना निवासी अमरेंद्र सिंह चौहान है जो बहुत कम उम्र में ही एक बड़ी सकारात्मक सोच को लेकर सरपंच पद के लिए चुनाव लड़ रहे है।

जी बिसप कॉटन स्कूल शिमला व मोडर्न स्कूल बाराखम्बा दिल्ली से उच्च शिक्षा तथा देश के नामी सेंट स्टीफन कालेज से स्नातक की पढाई करने के बाद एमिटी यूनिवर्सिटी से लॉ व लंदन से बैरिस्टर की डिग्री हासिल करने वाले अमरेंद्र सिंह 400 करोड़ रुपए की सम्पति के मालिक है और देश विदेश में व्यापार और अपना घर है।

प्रबुद्ध समाजसेवी कुंवर रवि चौहान के पुत्र है अमरेंद्र चौहान

हालांकि परिवार की बात करे तो अमरेंद्र सिंह के लिए सरपंची कोई नई बात नही है। उनकी दादी मेवा देवी और पिता प्रबुद्ध समाजसेवी कुंवर रवि चौहान गांव के सरपँच रह चुके है। किन्तु अमरेंद्र सिंह चौहान की विकास के प्रति कुछ नई सोच है। वो कहते है कि सरपंच ऐसा होना चाहिय जो अपने गांव को क्षेत्र,प्रदेश,देश ही नही अपितू विश्व के सामने अपने गांव को प्रस्तुत रखने की हिम्मत रखता हो ओर सेवादार की भांति काम करे और पूरे गांव को परिवार की तरह एकजुट रखने का मादा रखता हो।

सहनशील, मृदुभाषी ओर बुलन्द इरादे रखने वाले अमरेंद्र ने कहा कि सरपंच अपने गांव तक ही सीमित न रहकर देश विदेश का भ्रमण करे और वहा के कानून कायदे,संस्कृति,खानपान, तौर तरीके,रहन सहन ओर पहनावे को देखे और जो अच्छी चीज समझ मे आये वो लौटने पर अपने गांव में स्थापित करे। उन्होंने कहा कि जनता जनार्दन का आशीर्वाद मिला तो वो अपने गांव को बुलंदियों पर पहुचाने की दिशा में काम करेंगे ओर गांव को अपना परिवार मानकर उनकी सलाह पर ही गोठड़ा को मॉडल गांव के नाम से मशहूर करेंगे। 

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