न थकान न कोई भय बस हौसले इतने बुलंद की 1500 किलोमीटर का सफर पैदल तय कर पहुंचे राष्ट्रपति के दरबार,जानिए क्या है मांग ?

आंखो में उम्मीद की किरण बरक़रार,बोले- दीदी से उम्मीद - 
 
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बस स्टॉप पर गुजारनी पड़ीं 3 सर्द रातें

3 रातें बस स्टॉप पर गुजारीं, पब्लिक टॉयलेट में नहा रहे

 

Kharikhari News Desk : देश की राष्ट्रपति से मिलने के लिए उड़ीसा के मयूरभंज से 5 लोगों की एक टोली मिलने आई है। बता दें कि यह टोली अपने बेरोजगारी को लेकर और क्षेत्र में कई सुधार की उम्मीद को लेकर द्रौपदी के दरबार पहुंचे हैं। कि 1500 किलोमीटर चल कल राष्ट्रपति मुर्मू से मिलने यह लोग पहुंचे हैं। हौसले इतने बुलंद हैं कि कभी बस स्टैंड तो कभी सर्दी में ही रातें गुजार लेते हैं। 

रोज चलते हैं 35 किलोमीटर:

बता दे की टोली 1500 किलोमीटर से ज्यादा पैदल सफर तय कर रही यहां पहुंची है। खास बात यह है कि 47 दिनों से पैदल चल रही हैं। रोज कम से कम 35 किलोमीटर की दूरी पैदल चलती है। खास बात यह है कि उन्होंने रास्ते में ना किसी गाड़ी से निकली ना ही कोई टेंपो ट्रैवलर में बैठे हैं इन्हीं जहां जगह मिली वहीं गुजर-बसर कर लिया। 

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राष्ट्रपति से मिलने की चमक आंखों में बरकरार:

ये टोली 15 किलोमीटर का सफर तय करके भी थकी नही है। बता दें कि ओडिसा के मयूरभंज से ये लोग दिल्ली पहुंचे है। गौरतलब है कि मयूरभंज वही जगह है जहां पर राष्ट्रपति का घर है। इतने किलोमीटर का सफर तय कर भी इन लोगों की आंखों में राष्ट्रपती से मिलने की चमक है। इनके चेहरे पर कोई थकान नजर नही आती।

जब तक नहीं होगी मुलाकात,हम नहीं लौटेंगे:

डोली के हौसले इतने बुलंद है कि वह घर से दान करने के लिए हैं कि जब तक राष्ट्रपति से मुलाकात नहीं होगी वह घर नहीं लोटंगे। मोदी की राष्ट्रपति भवन से महज 4 किलोमीटर की दूरी बडौदा हाउस बस स्टॉप में यह रातें गुजार रहे हैं। 

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जानिए क्या है मांग?

यह तो ली राष्ट्रपति से मिलने के लिए निकली है और साथ में कई उम्मीदें भी लेकर चले हैं। जानकारी के मुताबिक इनकी मांग है कि मयूरभंज को एक अलग राज्य का दर्जा दिया जाए। नहीं-नहीं स्टोरी के साथ-साथ मयूरभंज के सभी लोगों को यह उम्मीद है कि राष्ट्रपति उनके लिए कुछ अच्छा कदम जरूर उठाएंगे और उन्हें निराश होकर नहीं भेजने वाली है।

3 रातें बस स्टॉप पर गुजारीं, पब्लिक टॉयलेट में नहा रहे : 

18 फरवरी को मैं इन लोगों से मिलने पहुंची, तो पांचों बस स्टॉप पर ही मौजूद थे। टीम के सदस्य करुणाकर सोरेन कहते हैं, '3 दिन और 3 रातों से इसी बस स्टॉप पर रह रहे हैं। इंडिया गेट के सामने एक पब्लिक टॉयलेट हैं, वहीं जाकर नहाते-धोते हैं। किसी ठेले से लेकर कुछ खा-पी लेते हैं।'

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