Old Pension: बढ़ी कई राज्यों की मुश्किलें,केंद्र से नहीं मिल सकेगा अतिरिक्त कर्ज !

पंजाब-हिमाचल की बढ़ी मुश्किलें-
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OPS लागू तो किया पर देना बना जी-का जंजाल

पुरानी पेंशन योजना से राज्य सरकारों के खजाने पर भारी दबाव 

Kharikhari News Desk : पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को उसकी अंतिम सैलरी की आधी रकम रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर मिलती है। पुरानी पेंशन योजना (OPS) लागू करने का ऐलान कहीं राज्य कर चुके हैं, बता दें कि यह गैर भाजपा शासित राज्य हैं। हालांकि इन राज्यों को आने वाले दिनों में आर्थिक तौर पर परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। गौरतलब है कि Himachal Pradesh की Congress सरकार OPS का एलान करने वाली सरकारों में शामिल है। 

केंद्र सरकार ने नियमों में किया बदलाव: 

कई राज्यों ने पुरानी पेंशन योजना को लागू करने का ऐलान तो कर दिया है लेकिन इसे पूरा करना जी के जंजाल से कम नहीं है। क्योंकि केंद्र सरकार ने नियमों में बदलाव किया है जिसके तहत पुरानी पेंशन योजना लागू करने वाली राज्यों को वित्तीय वर्ष 2023 24:00 के लिए केंद्र से मिलने वाला अतिरिक्त कर्ज नहीं मिल सकेगा। इन राज्यों की मुश्किलें और अधिक बढ़ती नजर आ रही है। 

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जानिए कैसे राज्य सरकार केंद्र से ले सकती हैं अतिरिक्त खर्च: 

नई पेंशन सिस्टम के तहत राज्य सरकार अपना और कर्मचारी की सैलरी का एक हिस्सा पेंशन फंड रेगुलेटरी डेवलपमेंट अथॉरिटी को देते हैं जिसके बाद में कर्मचारी को पेंशन के रूप में इसे दिया जाता है। इसके तहत pension funding adjustment के तहत राज्य सरकार ने केंद्र से अतिरिक्त कर्ज ले सकती हैं। लेकिन अब केंद्र ने अतिरिक्त कर्ज देना बंद कर दिया है। 

किन-किन राज्यों ने OPS किया लागू: 

हाल ही में राजस्थान छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश, झारखंड और पंजाब ने नया पेंशन सिस्टम छोड़कर पुरानी पेंशन योजना लागू करती है। गौरतलब है कि पहले ही हिमाचल और पंजाब सरकार कई कर्ज तले डूबी है ऐसे में पुरानी पेंशन योजना कर्मचारियों को देना काफी मशक्कत भरा कार्य है। वित्त वर्ष 2320 में इन राज्यों को केंद्र सरकार अतिरिक्त कर्ज देने से इंकार कर सकती है। लाजमी है कि उसके बाद इन राज्यों की मुश्किलें और अधिक बढ़ जाएगी। 

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हिमाचल प्रदेश और पंजाब के लिए चिंता का विषय:

पुरानी पेंशन योजना के तहत सरकारी कर्मचारी को उसकी अंतिम सैलरी की आधी रकम रिटायरमेंट के बाद पेंशन के तौर पर मिलती है। पुरानी पेंशन योजना से राज्य सरकारों के खजाने पर भी भारी दबाव पड़ेगा। इसके बाद उन्होंने 2324 में इन राज्यों को केंद्र सरकार अतिरिक्त कर्ज देने से मना करने का फैसला लिया है। बता दें कि पंजाब और हिमाचल प्रदेश के लिए यह सबसे बड़ा चिंता का विषय बन गया है क्योंकि दोनों राज्य पहले से ही हजारों करोड रुपए के कर्ज के तले हैं ऐसे में राज्य सरकारों के लिए चिंता की बात है। 

योजना आयोग के पूर्व चेयरमैन ने चिंता की जाहिर:

कई नीति नेताओं ने राज्यों द्वारा पुरानी पेंशन योजना को लागू करने पर चिंता जाहिर की है। इसकी वजह से ही की पुरानी पेंशन योजना लागू होने से राज्यों के पास स्वास्थ्य शिक्षा और बुनियादी ढांचे के विकास के लिए बहुत कम पैसा बचेगा। गौरतलब है कि योजना आयोग के पूर्व चेयरमैन ने भी राज्य द्वारा पुरानी पेंशन योजना लागू करने पर चिंता जाहिर की है।

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