Bhopal Gas Tragedy: केंद्र को 'सुप्रीम' झटका, सुप्रीम कोर्ट ने मुआवजा बढ़ाने की मांग खारिज की !
7800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की थी अपील-
Kharikhari News Desk : भोपाल गैस कांड के पीड़ितों को सुप्रीम कोर्ट से तगड़ा झटका लगा है.. मुआवजा बढ़ाने की केंद्र सरकार की क्यूरेटिव पिटीशन को सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दिया। इस याचिका में गैस पीड़ितों को करीब 7,800 करोड़ का अतिरिक्त मुआवजा दिलाने की मांग की गई थी।
माहेश्वरी की पांच सदस्यीय पीठ का ये है फैसला :
सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस संजय किशन कौल, जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस अभय एस ओक, जस्टिस विक्रम नाथ और जस्टिस जेके माहेश्वरी की पांच सदस्यीय पीठ ने कहा कि अगर केस को दोबारा खोला गया तो पीड़ितों की मुश्किलें बढ़ जाएंगी। सरकार ने 2010 में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की थी। जिस पर 12 जनवरी 2023 को सुप्रीम कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था।
अधर में पीड़ितों को नहीं छोड़ सकते : सरकार
सरकार ने पक्ष रखते हुए कहा था कि अधर में पीड़ितों को नहीं छोड़ सकते। याचिका खारिज करने से पहले सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम इस बात से निराश हैं कि सरकार ने दो दशक तक इस पर ध्यान नहीं दिया। पीड़ितों को नुकसान की तुलना में करीब 6 गुना ज्यादा मुआवजा दिया जा चुका है। केंद्र सरकार आरबीआई के पास पड़े 50 करोड़ रुपए का इस्तेमाल पीड़ितों की जरूरत के मुताबिक करे। अगर ये केस दोबारा खोला जाता है तो यह यूनियन कार्बाइड के लिए ही फायदेमंद होगा, जबकि पीड़ितों की मुश्किलें और बढ़ जाएंगी। यूनियन कार्बाइड कार्पोरेशन पर और ज्यादा मुआवजे का बोझ नहीं डाला जा सकता।
पीड़ितों को पहले दिया गया था ये मुआवजा :
बता दें कि गैस कांड के बाद यूनियन कार्बाइड कॉर्पोरेशन ने पीड़ितों को 470 मिलियन डॉलर (715 करोड़ रुपए) का मुआवजा दिया था। लेकिन पीड़ितों ने ज्यादा मुआवजे की मांग करते हुए कोर्ट में अपील की। केंद्र सरकार ने 1984 की गैस कांड पीड़ितों को डाउ केमिकल्स से 7,844 करोड़ रुपए का अतिरिक्त मुआवजा मांगा है। इसके लिए दिसंबर 2010 में सुप्रीम कोर्ट में क्यूरेटिव पिटीशन दाखिल की गई थी।
जानिए क्या था मामला :
गौरतलब है कि 1984 में 2-3 दिसंबर की रात गैस त्रासदी हुई थी। यूनियन कार्बाइड कारखाने के 610 नंबर के टैंक में खतरनाक मिथाइल आइसोसायनाइड रसायन था। टैंक में पानी पहुंच गया। तापमान 200 डिग्री तक पहुंच गया। धमाके के साथ टैंक का सेफ्टी वॉल्व उड़ गया। उस समय 42 टन जहरीली गैस का रिसाव हुआ था। उस वक्त यूनियन कार्बाइड का प्रमुख एंडरसन था। हादसे के चार दिन बाद उसे गिरफ्तार किया गया, लेकिन जमानत मिलते ही वह अमेरिका लौट गया। फिर कभी भारतीय कानूनों के शिकंजे में नहीं आया। उसे भगोड़ा घोषित कर अमेरिका से प्रत्यर्पण के प्रयास भी हुए, लेकिन कोशिशें नाकाम रहीं। 29 सितंबर 2014 में 92 साल की उम्र में एंडरसन की मौत अमेरिका के फ्लोरिडा में हो गई।