गेहूं पर बारिश की मार, किसान लाचार-
मौसम की मार से किसानों के सपने टूटे।
Kharikhari News Desk : बारिश और ओलों के कारण किसानों का भारी नुकसान हुआ है... गौर ही कि इस समय गेहूं और सरसों की फसले खेतों में पक्क्कर तैयार होने वाली थी ऐसे में उससे पहले ही किसानों पर बारिश की मार झेलनी पड़ रही है.. बारिश से 50 फीसदी तक नुकसान हुआ है.. जिसके बाद किसानों के सपने टूट गए ही.. गेहूं की फसलों की सर्वे रिपोर्ट में 50 प्रतिशत नुकसान की बात कही गई है।
बारिश से गेहू की फसल ख़राब :
सीमावर्ती निचले व मैदानी क्षेत्र में भी गेंहू की फसल पर मौसम की मार पड़ी है। खेतों में पानी भर गया है, जिससे खेतों में खड़ी गेहूं की फसल खराब हो गई है। पंचायत के किसान ने बताया कि किसानों पर मौसम की मार लगातार जारी है। इस सीजन में पहले गेहूं की फसल सूखे की चपेट में आ गई और जो थोड़ी बची वह अब तेज बारिश से खराब हो गई।
किसानों की 33 फीसदी फसल बर्बाद :
बेमौसमी बारिश ने किसानों का जीना दूबर किया हुआ है.. ऐसे में किसानो की चिंता कम होने का नाम नहीं ले रही है.. लगातार बारिश से 11 हजार से अधिक किसानों की 33 फीसदी फसल बर्बाद हो गई है। इन्हें मुआवजा दिया जाएगा। इनमें से 5252 किसानों की सूची तैयार कर ली गई जिन्हें छह करोड़ 37 लाख 23 हजार 713 रुपये दिए जाएंगे। अन्य की सूची तैयार की जा रही है।
खेतों में सिर्फ बरबादी का मंजर :
किसानों की माने तो बेरोजगार होने के चलते इस बार पट्टे पर गेहूं की फसल बड़े अरमानों के साथ बिजाई करके तैयार की, लेकिन बेमौसमी तेज हवाओं बारिश के कारण सारे अरमान पानी में बह गए और फसल का कर्ज सिर पर चढ़ गया। वहीं सरसों की फसल पककर कटाई के लिए तैयार थी, कुछ किसान कटाई के काम में जुट भी गए थे कि एकाएक बिगड़े मौसम ने सब कुछ बर्बाद कर दिया। अब खेतों में सिर्फ बर्बादी का मंजर है...
कृषि विभाग भी चिंतित :
कृषिविभाग के अधिकारी ने बताया कि मौसम परिवर्तन कृषि क्षेत्र के लिए शुभ संकेत नहीं है। दक्षिणी हरियाणा के शुष्क क्षेत्र में रबी की फसले पकाई पर थी, कुछ स्थानों पर व्यापक कटाई का काम शुरु भी हो चूका था। तेज बरसात से उत्पादन प्रभावित होने का अंदेशा है।