Delhi Dragged Case: दिल्ली के कंझावला कांड में कई चौकाने वाले खुलासे

- चश्मदीद ने 45 मिनट तक किया कार का पीछा
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Delhi Dragged Case

Khari Khari, News Desk: Delhi Girl Dragged Case: दिल्ली के कंझावला कांड (Kanjhawala Case) में कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ रहे हैं। 31 दिसंबर की रात कार सवार जिन 5 युवकों ने 20 साल की एक लड़की को रौंदा था, वो स्कूटी पर अपनी एक दोस्त के साथ थी। एक अधिकारी ने बताया कि लड़की की दोस्त को मामूली चोटें आईं और वह घबराकर मौके से भाग गई और दूसरी लड़की टक्कर के बाद कार की चपेट में आ गई। लड़की के पैर कार के एक्सल में फंस कर उसे 12 किलोमीटर तक घसीटा गया जिससे लड़की की दर्दनाक मौत हो गयी। 

पांचों नशे में धुत

पुलिस ने इस मामले में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। दावा किया जा रहा है कि वे पांचों नशे में धुत थे और जो ग्रे बलेनो कार दौड़ा रहे थे वे उनकी नहीं थी। पुलिस की पूछताछ में आरोपियों ने कई बातें कुबूल ली हैं।

एक चश्मदीद ने दावा किया कि लड़की को कार से कुचने की घटना उसने देखी।उसने कहा कि उसने 45 मिनट तक कार का पीछा किया जिसने लड़की को सड़क पर कई किलोमीटर तक घसीटा। 

डेयरी की दुकान के मालिक दीपक दहिया ने बताया

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दिल्ली के उत्तर-पश्चिमी इलाके के लाडपुर गांव में एक डेयरी की दुकान के मालिक दीपक दहिया ने बताया कि "मैं हर रात तकरीबन 2.30 बजे दूध के डिब्बे उतारने के लिए अपने व्यवसाय के स्थान पर जाता हूं। 

उस दिन मैं तड़के 3.15 बजे दुकान के बाहर खड़ा था तभी मुझे एक कार के गुजरने की आवाज सुनाई दी ऐसा लगा जैसे कि उसका टायर फट गया हो। मैंने मुड़कर देखा तो मारुति सुजुकी बलेनो कार दिखी जिसे देखते ही मैं कांप गया। 

मैं स्पष्ट रूप से देख पाया कि क्या हुआ

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मैंने उस कार का शोर सुना। ऐसा लग रहा था कि उसका टायर फट गया है, लेकिन वह चलती जा रही थी। वह बमुश्किल 20 किमी प्रति घंटे की रफ्तार से चलती जा रही थी इसलिए मैं स्पष्ट रूप से देख पाया कि क्या हुआ था। मैंने कार के नीचे एक लड़की की लाश देखी..जो बाईं तरफ के दो टायरों के बीच फंसी हुई थी। कार उसे घसीटते हुए ले जा रही थी। 

यह देखकर मैंने तुरंत पुलिस कंट्रोल रूम में सम्पर्क किया और मैंने उस कार का पीछा करना शुरू किया। जो लोग उस कार में सवार थे वे बहुत धीमी गति से कार चला रहे थे और लाश कार के नीचे फंसी हुई थी। पुलिस को कॉल कर-करके मिनट-दर-मिनट अपडेट दे रहा था। मैंने 45 मिनट में उन्हें 18-20 बार कॉल किया जिनमें से एक कॉल 10 मिनट से ज्यादा तक चली। 

मैंने शुरू से कार का पीछा किया

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सड़क पर मोड़ आने पर वे लोग उस ओर मुड़ गए। मैंने देखा कि वे कुतुबगढ़ की ओर जा रहे थे। मैंने लगातार उनका पीछा किया। वे मुझसे लगभग 2 किलोमीटर आगे निकल गए थे और मैंने देखा कि लाश अब कार से नहीं जुड़ी थी। रास्ते में उन्हें 2 पीसीआर वैन देखी लेकिन उन्होंने कोई कार्रवाई नहीं की फिर उन्होंने तीसरी पीसीआर वैन में बैठे अधिकारियों को बताया कि उन्होंने क्या देखा। 

कई बार बताने के बावजूद पुलिस ने ऐसा कुछ नहीं किया कि उन कार सवारों को रोका या पकड़ा जा सके। मैंने शुरू से कार का पीछा किया। पुलिस सक्रिय होती तो अपराधी मौके पर ही पकड़े जाते। मेरे पास पुलिस कंट्रोल रूम के अधिकारियों के साथ बातचीत की रिकॉर्डिंग मौजूद है। 

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