Russian President : 'अरेस्ट वॉरंट' के बाद क्या भारत आने पर गिरफ्तार हो सकते हैं राष्ट्रपति पुतिन! क्या है इंटरनेशनल कोर्ट
Khari Khari News :
President Putin : यूक्रेन में हुए युद्ध अपराधों के लिए इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के खिलाफ अरेस्ट वॉरंट जारी किया है। जानकारी के मुताबिक, इस वॉरंट में पुतिन को बच्चों के अपहरण और उन्हें डिपोर्ट करने के लिए जिम्मेदार बताया गया गया है। दुनिया के 123 देशों की सदस्यता वाली इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट (ICC) ने रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के ख़िलाफ़ गिरफ्तारी वॉरंट तो जारी कर दिया, वहीं, दूसरी ओर रूस ने इन आरोपों का खारिज किया है। इस वॉरंट पर यूक्रेन की तरफ से कहा गया है कि यह तो सिर्फ शुरुआत है। पुतिन के लिए अभी और भी मुश्किलें बढ़ने वाली हैं।
क्या है इंटरनेशनल कोर्ट
इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट के बयान में कहा गया है कि रूसी राष्ट्रपति पुतिन ने जंग के दौरान कई तरह के अपराध किए हैं। उन्होंने गैर-कानूनी तरीके से बच्चों को यूक्रेन से रूस भेजा। व्लादिमीर पुतिन रूस जैसे ताकतवर देश के राष्ट्रपति हैं और दुनिया के टॉप पावरफुल नेताओं में से एक हैं। ऐसे में रूस में रहते हुए उनकी गिरफ्तारी नहीं हो सकती, ये लगभग तय है। वहीं, पुतिन अगर रूस के बाहर किसी दूसरे देश में जाते हैं तो उन्हें हिरासत में लिया जा सकता है। हालांकि, पुतिन के विदेश दौरे पर कई तरह के अंतरराष्ट्रीय प्रतिबंध हैं। इस वजह से ये संभावना कम ही है कि वो रूस के बाहर किसी दूसरे देश के दौरे पर जाएंगे।
अगर पुतिन ICC के सदस्य देशों का दौरा करते हैं तो वो हिरासत में लिए जा सकते हैं, लेकिन शायद पुतिन ये गलती न करें। उनके दौरे में शामिल ईरान इकलौता ऐसा देश है जो कभी USSR का हिस्सा नहीं रहा। अमेरिका, जो पुतिन को बाहर करने के लिए भारत पर भारी दबाव बना सकता था, ऐसा नहीं कर पाएगा क्योंकि वह आईसीसी से हट गया है।
भारत, SCO और G20 दोनों के लिए मेजबान अध्यक्ष, ICC का सदस्य नहीं है और न ही रूस। वास्तव में, यूक्रेन भी आईसीसी का सदस्य नहीं है, लेकिन जब उसने अनुकूल किया तो उसने अपने अधिकार क्षेत्र को स्वीकार करने का विकल्प चुना। सूत्रों का कहना है कि जी20 में पुतिन को ब्रिटेन, जापान और जर्मनी से बाहर करने का दबाव है, जो सभी आईसीसी सदस्य हैं। इंटरनेशनल क्रिमिनल कोर्ट आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए सभी सदस्य देशों को वारंट भेजता है। ICC का ये वारंट सदस्य देशों के लिए सलाह की तरह होता है और वो इसे मानने के लिए बाध्य नहीं होते हैं।
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