Jagannath Rath Yatra : अहमदाबाद में भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथ यात्रा शुरू, अमित शाह ने की ‘मंगल आरती’
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Jagannath Rath Yatra : गुजरात के अहमदाबाद शहर में मंगलवार सुबह भगवान जगन्नाथ की 146वीं रथयात्रा मंगलवार सुबह कड़ी सुरक्षा के बीच शुरू हुई और बड़ी संख्या में श्रद्धालु इसमें शामिल हुए। जानकारी के मुताबिक, गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने सोने की झाड़ू से रथ का मार्ग साफ करने की प्रतीकात्मक रस्म के रूप में ‘पाहिंद विधि’ में भाग लिया। रथ यात्रा को हरी झंडी दिखाई हैं। भूपेंद्र पटेल ने परंपरा को जारी रखा।
रथ यात्रा के अवसर पर, मुख्यमंत्री पटेल ने लोगों की सुभकामना दीं और यह भी प्रार्थना की कि जगन्नाथजी सभी पर आशीर्वाद बरसाएं और उन्हें अपने जीवन में सभी को अच्छा स्वास्थ्य, कल्याण, समृद्धि और खुशियां दें। देवी-देवताओं की एक झलक पाने के लिए शोभायात्रा के 18 किलोमीटर लंबे मार्ग में लाखों श्रद्धालुओं की भीड़ के कारण कड़ी सुरक्षा व्यवस्था की गई।
रास्ते में करीब 25 हजार पुलिसकर्मी तैनात
राज्य के गृह मंत्री ने रथ यात्रा को लेकर सुरक्षा व्यवस्था का जिक्र करते हुए कहा कि गुजरात पुलिस की ओर से इस रथ यात्रा के लिए सभी इंतजाम किए गए हैं। इसके अलावा पूरे रास्ते में गुजरात पुलिस को तैनात किया गया है। रास्ते में करीब 25 हजार पुलिसकर्मी तैनात रहेंगे। अहमदाबाद के जमालपुर इलाके में 400 साल पुराने जगन्नाथ मंदिर से आज शुरू हुई औपचारिक रथ यात्रा की शुरुआत से पहले भगवान जगन्नाथ, भगवान बलभद्र और देवी सुभद्रा की मूर्तियों को रथ पर स्थापित किया गया।
हर साल आषाढ़ माह के शुक्ल पक्ष की द्वितीय तिथि पर ये यात्रा निकाली जाती है। इस यात्रों के दौरान भगवान जगन्नाथ अपने बड़े भाई बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथयात्रा के जरिए अपनी मौसी के घर यानी कि पुरी के गुंडिचा मंदिर जाते हैं। तीनों भगवान सुसज्जित रथ पर बैठकर बड़ी ही भव्य तरीके से अपनी मौसी के घर पहुंचते हैं। इससे पहले, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, जो गुजरात के एक दिवसीय दौरे पर हैं, उन्होंने जमालपुर में रथ यात्रा से पहले जगन्नाथ मंदिर में 'मंगला आरती' (पूजा का हिस्सा) में भाग लिया।
गुजरात के अहमदाबाद में मनाई जाने वाली 'रथ यात्रा' महोत्सव को ओडिशा में पुरी जगन्नाथ रथ यात्रा के बाद देश की दूसरी सबसे बड़ी रथ यात्रा माना जाता है। रथ यात्रा हिंदू कैलेंडर के दो सप्ताह लंबे आषाढ़ महीने के दूसरे दिन मनाई जाती है और इस वर्ष यह 20 जून को आज मनाई जा रही है। रथ यात्रा दुनिया भर में मनाए जाने वाले प्रसिद्ध हिंदू त्योहारों में से एक है। यात्रा ओडिशा राज्य में श्री क्षेत्र पुरी धाम में भगवान जगन्नाथ से जुड़ी है।
आखिर क्यों निकाली जाती है रथ यात्रा ?
ऐसा कहा जाता है कि भगवान जगन्नात की बहन ने एक बार नगर देखने की इच्छा जताई थी। तब भगवान जगन्नाथ और बलभद्र अपीन लाडली बहन सुभद्र को रथ पर बैठार नगर दिखाने के लिए निकल पड़े थे। तब इस दौरान वे मौसी के घर गुंडिचा भी गए और यहां पर सात दिन तक ठहरे। तभी से भगवान जगन्नाथ यात्रा निकालने की परंपरा चली आ रही है। ऐसी भी मान्यता है कि मौसी के घर पर भाई-बहन के साथ भगवान खूब पकवान खाते हैं और उसके बाद वह बीमार पड़ जाते हैं। फिर उनका इलाज किया जाता है और फिर वह स्वस्थ्य होने के बाद लोगों को दर्शन देते हैं।
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