RAHUL GANDHI : मानहानि केस में सूरत कोर्ट से 2 साल कैद की सजा, राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द, लोकसभा सचिवालय ने जारी किया पत्र !

राहुल की सदस्यता रद्द होने पर सबने अपने-अपने अंदाज में कसा तंज !
 
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जानिए किन-किन नेताओं को गंवानी पड़ी सदस्यता - 

RAHUL पर मानहानि के 4 और मुकदमे चल रहे हैं, जिन पर फैसला बाकी...

 

KHARIKHARI NEWS DESK : कांग्रेस नेता राहुल गांधी केरल के वायनाड से लोकसभा सदस्य थे। बता दे कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी की संसद सदस्यता रद्द कर दी गई है। लोकसभा सचिवालय ने पत्र जारी कर इस बात की जानकारी साझा की।

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Rahul Gandhi ने 2019 में दिया था बयान:

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने 2019 में कर्नाटक की सभा में मोदी सरनेम को लेकर बड़ा बयान दिया था जिसके बाद मानहानि केस में सूरत की कोर्ट ने उन्हें 2 साल की सजा सुनाई थी। हालांकि सजा के 27 मिनट बाद ही उन्हें जमानत मिल गई थी। Rahul Gandhi ने सभी चोरों का सरनेम मोदी क्यों होता है ऐसा बयान दिया था।

Supreme Court ने 2013 में लिया था फैसला:

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट ने 11 जुलाई 2013 को फैसला सुनाया था कि कोई भी सांसद या विधायक निचली अदालत में दोषी करार दिए जाने की तारीख से ही संसद या विधानसभा की सदस्यता के लिए अयोग्य घोषित हो जाएगा। बताते चलें कि लिली थॉमस बनाम भारत सरकार के केस में यह आदेश दिया गया था। हालांकि इससे पहले कोर्ट का आखिरी फैसला आने तक विधायक या सांसद की सदस्यता खत्म नहीं करने का प्रावधान था।

लोकसभा सचिवालय ने जारी किया पत्र:

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राहुल की सदस्यता रद्द होने पर किसने क्या कहा...

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर: राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड के एक भ्रष्टाचार के मामले में जमानत पर हैं, उन्हें संसद में सच्चाई से दूर जाने की आदत है। उन्हें लगता है कि गांधी परिवार कुछ भी कर सकता है।

प्रियंका गांधी: डरी हुई सत्ता की पूरी मशीनरी साम, दाम, दंड, भेद लगाकर राहुल गांधी की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। मेरे भाई न कभी डरे हैं, न कभी डरेंगे। सच्चाई की ताकत और करोड़ों देशवासियों का प्यार उनके साथ है।

कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश: हम इस लड़ाई को कानूनी और राजनीतिक दोनों तरह से लड़ेंगे। भारतीय लोकतंत्र ओम शांति।

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कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे: भाजपा ने राहुल को अयोग्य घोषित करने के लिए सभी तरीके आजमाए। , जो लोग पैसे लेकर भागे, जैसे ललित मोदी, नीरव मोदी और विजय माल्या वे क्या पिछड़े समाज से थे?

 अशोक गहलोत: देश में जिस तरह का भय, हिंसा का माहौल बना है, उसमें ED, न्यायपालिका, चुनाव आयोग पर दबाव है। इसलिए विपक्ष की कोई मांग पूरी नहीं होने दे रही।

अभिषेक मनु सिंघवी: सेक्शन 103 के तहत सदस्यता रद्द करने का फैसला राष्ट्रपति के द्वारा होना चाहिए था। वहां भी राष्ट्रपति पहले चुनाव आयोग से सुझाव लेते हैं, फिर कोई फैसला होता है। 

तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन: सरकार को कांग्रेस नेता राहुल गांधी के खिलाफ की गई कार्रवाई वापस लेनी ही होगी।

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