11.2 करोड़ लोगों की आंखें Danger Zone में !
Side Effects of Sleeping in Day: 11 साल तक हुई रिसर्च में हुआ चौंकाने वाला खुलासा
2010 से 2021 तक चली रिसर्च,हुआ बड़ा खुलासा
kharikhari News Desk : भारत के हर घर में हमारे बड़े बुजुर्ग हमें हमेशा ये कहते दिखते है कि दिन के समय और संध्या के समय नहीं सोना चाहिए। उनका मानना है कि ऐसा करने से उम्र कम होती है... क्या ये बात सही है ? किसी न किसी बात के पीछे कुछ न कुछ वैज्ञानिक राज जरूर होता है बस हमारे बड़े-बुजुर्ग हमें उस बात को अपने अंदाज में समझाते नजर आते है लेकिन हमेशा की तरह अक्सर आज की पीढ़ी उनकी इन बातों को मजाक में लेकर टाल देती है। वहीं डॉक्टरों की मानें तो अक्सर हमें 6 से 8 घंटे की नींद लेनी चाहिए, लेकिन अगर यह नींद आप रात में नहीं लेते है तो आपको दिनभर नींद आती है और पूरा दिन बदन टूटता है। इसलिए कहते है कि रात के समय ली गई अच्छी नींद अगले दिन तरोताजा रखती है। अगर आप रात में भरपूर नींद नहीं लेते तो आपको दिन में नींद आती है। क्या आपको जानते है कि दिन में सोने से आपकी आंखों पर बुरा असर पड़ता है? इसका खुलासा एक शोध में हुआ है। शोधकर्ताओं कि मानें तो यह स्थिति ज्यादा गंभीर हो तो समस्या अंधेपन तक भी बढ़ सकती है।
2010 से 2021 तक चली रिसर्च,हुआ बड़ा खुलासा:
ब्रिटेन के बायोबैंक की ओर से हुई स्टडी में 40 से 69 साल के बीच की उम्र वाले 4 लाख से अधिक लोगों के डेटा का आकलन और विश्लेषण किया है। इस स्टडी में शामिल किए गए लोगों से उनकी नींद की आदतों के बारे में जाना गया। 2010 से 2021 तक चली इस स्टडी में लगभग 8,690 लोगों में ग्लूकोमा पाया गया है। आंकड़ों के आधार पर शोधकर्ताओं ने पाया कि भरपूर नींद लेने वाले लोगों की तुलना में दिन में नींद और खर्राटे भरने वाले लोगों में ग्लूकोमा का खतरा 11 फीसदी बढ़ जाता है। वहीं अनिद्रा और छोटी या लंबी नींद वाले लोगों में यह खतरा 13 फीसदी तक बढ़ जाता है। रिसर्चर्स के मुताबिक साल 2040 तक दुनियाभर में लगभग 11.2 करोड़ लोग ग्लूकोमा से प्रभावित हो सकते हैं।
Disclaimer:- संबंधित लेख पाठक की जानकारी और जागरूकता बढ़ाने के लिए है। आंखो और नींद से जुडी अधिक जानकारी के लिए अपने Doctor से परामर्श जरूर लें।