Saving Account: बैंक खाते में पैसे जमा करने और निकालने की क्या है सीमा, फटाफट जानें

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Saving Account: बैंक खाते में पैसे जमा करने और निकालने की क्या है सीमा, फटाफट जानें

हम सभी अपनी मेहनत की कमाई को सुरक्षित रखने के लिए बैंक में बचत खाता खुलवाते हैं। यह न केवल सुविधाजनक है, बल्कि जरूरत पड़ने पर नकदी निकालने और जमा करने में भी मददगार है। लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि आयकर के नियमों के तहत बचत खाते में पैसे जमा करने और निकालने की एक तय सीमा होती है?

अगर इस सीमा का उल्लंघन किया जाता है, तो आपको आयकर विभाग से नोटिस भी मिल सकता है। इसलिए बैंक में पैसे का लेन-देन करने से पहले इन नियमों को जरूर जान लें।

बचत खाते में नकद जमा और निकासी की सीमा

आयकर अधिनियम के अनुसार, अगर आप एक वित्तीय वर्ष के दौरान अपने बचत खाते में 10 लाख रुपये से ज्यादा नकद जमा करते हैं, तो बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है। इतना ही नहीं, अगर नकद निकासी भी इस सीमा से ज्यादा होती है, तो भी यह नियम लागू होता है।

अगर कोई व्यक्ति अपने बैंक खाते में एक दिन में 50,000 रुपये से ज़्यादा नकद जमा करता है, तो उसे अपने पैन कार्ड की जानकारी देना अनिवार्य है. अगर पैन कार्ड उपलब्ध नहीं है, तो फॉर्म 60 या 61 भरना होगा. इस नियम को लागू करने का मुख्य उद्देश्य संदिग्ध नकद लेन-देन पर नज़र रखना और काले धन पर लगाम लगाना है.

एक दिन में नकद लेन-देन की सीमा

आयकर अधिनियम की धारा 269ST के तहत कोई भी व्यक्ति एक दिन में 2 लाख रुपये से ज़्यादा नकद लेन-देन नहीं कर सकता. यह नियम किसी एक व्यक्ति या संस्था को दी गई नकद राशि पर लागू होता है. अगर आप इस सीमा से ज़्यादा नकद लेन-देन करते हैं, तो आपको भारी जुर्माना देना पड़ सकता है.

ज़्यादा मूल्य के लेन-देन की रिपोर्टिंग
अगर किसी व्यक्ति के बैंक खाते में एक वित्तीय वर्ष के दौरान 10 लाख रुपये से ज़्यादा नकद जमा होता है, तो बैंक को इसकी जानकारी आयकर विभाग को देनी होती है. यह प्रक्रिया हाई वैल्यू ट्रांज़ैक्शन के अंतर्गत आती है और इसका उद्देश्य कर चोरी को रोकना है. यदि कोई व्यक्ति बैंकिंग नियमों का उल्लंघन करता है या संदिग्ध नकद लेनदेन करता है, तो उसे आयकर विभाग की जांच का सामना करना पड़ सकता है।

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